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भारत के रतन: 100 से ज्यादा देशों में कारोबार, 3800 करोड़ की नेटवर्थ, सादगी चौंकाने वाली , जानें गडकरी की जुबानी

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रोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणा के स्रोत रहे रतन टाटा अब नहीं रहे। भारत के रतन कहे जाने वाले दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा अरबपतियों में शामिल होने के बावजूद अपनी सादगी से हर किसी का दिल जीत लेते थे। वह उन शख्सियतों में शुमार थे, जिनका हर कोई सम्मान करता था। अपनी कारोबारी उपलब्धियों के साथ-साथ अपने विनम्र स्वभाव और परोपकारी कार्यों के भी लिए जाने जाते थे। सैकड़ों करोड़ की संपत्ति होने के बाद भी वह सादगी से ही रहते थे। यहां तक कि उनकी सादगी के किस्से लोग याद करते हैं। रतन टाटा की सादगी से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी एक आयोजन में सुनाया था, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

 

रतन टाटा मेरे अच्छे मित्र थे
नितिन गडकरी ने बताया, ‘रतन टाटा जी मेरे अच्छे मित्र रहे हैं। एक बार वह मुंबई के मालाबार हिल स्थित मेरे घर आ रहे थे तो रास्ता भूल गए। उन्होंने मुझे फोन किया कि नितिन तुम्हारे घर का रास्ता भूल गया हूं। मैंने कहा कि आप अपना फोन ड्राइवर को दीजिए। इस पर रतन टाटा ने कहा कि मेरे पास ड्राइवर नहीं है, मैं खुद ही गाड़ी चला रहा हूं।’

 

कोई सुरक्षा गार्ड भी नहीं था’
केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया, ‘मैंने बड़े हैरान होकर पूछा कि आपके पास वाकई ड्राइवर नहीं है, तो उन्होंने कहा नहीं नितिन मैं खुद ही चला रहा हूं। फिर मैंने उन्हें रास्ता बताया। मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि हिंदुस्तान का इतना बड़ा करोड़पति होने के बावजूद उनके पास ड्राइवर क्यों नहीं हैं। यहां तक कि कोई सुरक्षा गार्ड भी नहीं था। मेरे पता बताने के बाद वे घर पर आए।’

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उनके बोलने, चलने या व्यवहार में…
उन्होंने आगे कहा, ‘एक बार मैं उन्हें फ्लाईओवर के उद्घाटन के लिए मुंबई लेकर गया था। हेलीकॉप्टर वहीं चला रहे थे। मैं उन्हें देख रहा था कि कहीं भी चलने, बोलने या उनके व्यवहार में यह महसूस ही नहीं हो रहा था कि वो टाटा ग्रुप के मालिक हैं।’

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गडकरी ने एक और किस्सा भी साझा किया। उन्होंने कहा, ‘इसके बाद एक बार मैं उन्हें नागपुर लेकर आया। उनके हाथ में एक बैग था और मैंने सरकारी कर्मचारी को कहा कि टाटा साहब का बैग ले लीजिए। इस पर भी रतन टाटा ने इनकार कर दिया। उनका कहना था कि मेरा बैग है और मैं ही उठाऊंगा। इसके वह जब गाड़ी में बैठे तो ड्राइवर के पास बैठ गए। मैं कहा कि टाटा साहब आप इधर बैठिए मैं वहां आ जाता हूं। इस पर उन्होंने कहा कि नहीं मैं यहीं पर बैठूंगा।’

नितिन गडकरी ने कहा कि आप सोचिए कितनी हैरानी की बात है कि सैकड़ों करोड़ की संपत्ति रखने वाला इतना बड़ा आदमी कितनी सादगी से रहता है। यह मेरे लिए भी प्रेरणा वाली बात थी।

86 साल की उम्र में निधन
बता दें, रतन टाटा वह शख्स थे जिन्होंने बड़े अधिग्रहणों के साथ एक स्थिर और विशाल भारतीय समूह को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। टाटा समूह ने बुधवार देर रात एक बयान में उनके निधन की जानकारी दी। रतन टाटा 86 वर्ष के थे। मुंबई के एक अस्पताल की आईसीयू में उनका इलाज चल रहा था। टाटा समूह 2023-24 में 13 लाख 85 हजार करोड़ रुपये के राजस्व के साथ दुनिया के सबसे बड़े उद्योग समूहों में से एक है।

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