रामनगरी के सरयू तट पर बिहार निवासी एक साधु ने अपने दाहिने हाथ का पंजा काट लिया। घाट पर मौजूद श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों में इस घटना से हड़कंप मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने साधु को श्रीराम अस्पताल में भर्ती कराया, जहां हालत गंभीर होने पर उसे मंडलीय अस्पताल दर्शननगर के लिए रेफर कर दिया गया। पुलिस के अनुसार साधु बिहार सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार से नाराज था। सरकार के विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार से नाराज साधु ने कार्रवाई के लिए बिहार के सीएम नितीश कुमार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा था। कार्रवाई न होने पर उनसे अयोध्या के सरयू तट पर अपने हाथ के पंजे को काट लिया।
अयोध्या में एक साधु ने खुद अपना हाथ का पंजा बांका मारकर काट लिया। सोमवार सुबह करीब 9 बजे वह सरयू नदी के तट पर पहुंचा। वहां स्नान करने के बाद पीला वस्त्र पहना और पूजा की। इसके बाद, भीड़ के सामने ही उसने झटके से बांका मारकर पंजा अलग कर दिया। पंजा अलग होकर करीब एक फीट दूर गिरा। साधु भी जमीन पर गिर गया। खून से उसका पूरा शरीर लथपथ हो गया। घटना को देखकर घाट पर मौजूद लोग हैरान रह गए।
पूछताछ में साधु ने अपना नाम विमल कुमार बताया है। वह बिहार के अररिया जिले का रहने वाला है। साधु विमल कुमार का कहना है कि वह बिहार सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार से परेशान है। इसके विरोध में 15 मार्च 2022 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर उसने इस पर काबू करने की मांग की थी।
मुख्यमंत्री को 60 दिन का समय भी दिया था। इसके बाद वह जून में भी मिला था। उसकी बातों को सुना नहीं गया। समय बीत जाने पर भी जब सुनवाई नहीं हुई तो उसे ऐसा करना पड़ा। नयाघाट चौकी इंचार्ज विजयंत मिश्रा का कहना है कि साधु बिहार सरकार से नाराज होना बता रहा है। साधु ने बताया है कि वह बिहार में भ्रष्टाचार को लेकर सीएम नीतीश कुमार से मिला था, लेकिन उसकी बात को तवज्जो नहीं दी गई है।