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राममंदिर- आइए न्यू भारत दिखाएगा आपको राम मंदिर का निर्माण कहां तक पहुंचा आप भी देखें तस्वीरों में।

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राममंदिर- आइए न्यू भारत दिखाएगा आपको राम मंदिर का निर्माण कहां तक पहुंचा आप भी देखें तस्वीरों में।

अयोध्या में तेजी से हो रहे राम मंदिर निर्माण की जानकारी शुक्रवार को मीडिया के जरिए दी गई। मीडिया की टीम को निर्माण साइट के अंदर ले जाया गया जहां उन्होंने करीब से निर्माण कार्य को देखा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मंदिर का निर्माण युद्घ स्तर पर किया जा रहा है जो कि तय समय सीमा में पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि अब करीब 60 फीसदी निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि आज से ठीक एक साल बाद यानी 2024 की मकर संक्रांति को भगवान राम के बाल स्वरुप की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
चंपत राय ने कहा कि अक्तूबर 2023 तक मंदिर के प्रथम तल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। 2024 मकर संक्रांति तक भगवान रामलला की मंदिर के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी तक जो तैयारी है उसके मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा का काम 1 जनवरी से 14 जनवरी के बीच करने की योजना है।
चंपत राय ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि मंदिर निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। प्रथम तल का निर्माण कार्य अक्तूबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद भगवान श्रीराम के बाल स्वरुप की प्रतिमा को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा है।मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर अपने तय समय सीमा से पहले बनकर तैयार होगा। मंदिर का निर्माण कार्य तेज गति के साथ चल रहा है। लगभग 60 फीसदी कार्य अब तक पूरा कर लिया गया है। हालांकि जनवरी 2024 में मंदिर के गर्भगृह का कार्य पूरा कर भगवान को स्थापित कर दिया जाएगा। रामलला की मूर्ति 5 वर्ष से 7 वर्ष के बीच के बालक स्वरूप में होगी।
लखनऊ की ओर से आप जब अयोध्या में आएंगे तो जिले की सीमा पर रामद्वार से आपको प्रवेश मिलेगा। इसी तरह अयोध्या आने वाले हर हाईवे पर आउटर में छह गेट बनाए जा रहे हैं। जिनके नाम तय कर दिए गए हैं। साथ ही इन गेटों के लिए जमीन के बैनामे भी शुरू हो गए हैं।
प्रदेश सरकार अयोध्या को भव्यता प्रदान करने के लिए जो प्रयास कर रही है। यह गेट भी इसी कड़ी का हिस्सा हैं। सभी गेटों के नाम रामायणकालीन चर्चित पात्रों के नाम पर रखे गए हैं। ताकि शहर में प्रवेश के समय ही यहां के धार्मिक वैभव का अहसास होने लगे।
एडीएम प्रशासन अमित कुमार सिंह ने बताया कि गेट के पास पार्किंग से लेकर जनसुविधाओं का इंतजाम भविष्य को देखते हुए कराया जाएगा। यह काम विकास प्राधिकरण और पर्यटन विभाग मिलकर कर रहा है।

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गेटों के नाम-
– श्रीरामद्वार – लखनऊ हाईवे

– हनुमानद्वार – गोरखपुर हाईवे

– भरतद्वार – प्रयागराज हाईवे

– जटायु द्वार – अंबेडकर नगर हाईवे

– गरुण द्वार – रायबरेली हाईवे

– लक्ष्मण द्वार – गोंडा हाईवे

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