पौड़ी:- स्थानीय संस्कृति के संरक्षण के प्रयासों को लोगों ने सराहा,जिलाधिकारी के प्रयासों से लगातार 2 वर्षों से मनाया जा रहा है इगास पर्व
जिला प्रशासन व प्रेस यूनियन पौड़ी के संयुक्त तत्वाधान में उत्तराखंड के प्रसिद्व लोकपर्व इगास का रामलीला मैदान पौड़ी में आयोजन करके स्थानीय लोक संस्कृति के संरक्षण में बड़ा कदम उठाया। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान सहित प्रेस यूनियन के पदाधिकारी, जनपद स्तरीय विभिन्न अधिकारियों व कार्मिकों के साथ-साथ व्यापार मंडल के सदस्यों, महिला मंगल दलों, लोक संस्कृति से जुड़े स्थानीय कलाकारों, बच्चों, बुजुर्गों सहित स्थानीय जनमानस ने जनपद में दूसरी बार आयोजित किया गया इगास लोकपर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
इगास पर्व कार्यक्रम का शुभांरभ करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि वर्तमान समय में वैश्वीकरण के दौर में हमारे स्थानीय संस्कृति पीछे ना छूट जाए इसके लिए युवा पीढ़ी को पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ संस्कार व संस्कृति से रूबरू कराना आवश्यक है। कहा कि वैश्वीकरण के दौर में लोग अपनी स्थानीय संस्कृति को भूलते-बिसरते जा रहे हैं। जबकि हमें अपनी स्थानीय संस्कृति की अच्छी चिजों को देश-दुनियां के सामने लाना चाहिए। इससे एक ओर तो लोग हमारी संस्कृति से रूबरू होंगे दूसरी ओर लोग जब हमारे क्षेत्र में पर्यटन भ्रमण पर आयेंगे या हमारे स्थानीय उत्पाद-व्यंजकों को अपनायेंगे तो इससे हमारी आर्थिकी भी मजबूत होगी। इसलिए लोगों को अपनी मूल जड़ो से जुड़े रहना चाहिए व अपनी संस्कृति के बलबूते जितना बेहतर हम हासिल कर सकते है उस दिशा में सकारात्मक पहल करती रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का लोक पर्व इगास को अगले वर्ष भी बेहतर तरीके से मनाया जाएगा।
दो वर्षों से लगातार मनाया जा रहा है इगास पर्व को देखकर लोगों ने जिलाधिकारी और प्रेस यूनियन की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिस तरह जनपद पौड़ी से लोक संस्कृति को बचाने की अनुठी मुहिम शुरू हुई है इससे स्थानीय संस्कृति के शूभचितंकों, स्थानीय निवासियों और पहाड़ की संस्कृति से प्यार जताने वालों को आशा जगी है कि अब स्थानीय संस्कृति के दिन फिर से बहुरने वाले हैं। सभी लोगों ने जिलाधिकारी को इस पुनित कार्य के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि संस्कृति के संरक्षण के इस तरह के प्रयास आगे भी निरंतर होते रहने चाहिए।
स्थानीय महिला मंगल दल की टीम द्वारा इगास गीत, वीर माधो सिंह भंडारी के इगास गीत गाकर लोक पर्व पर शानदार प्रस्तुति भी दी। इस दौरान स्थानीय लोगों द्वारा बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हुए भैलो खेला गया और ढोल-दमाऊ की थाप पर थिरकते नजर आये।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रेस यूनियन के पदाधिकारी त्रिभुवन उनियाल ने कहा कि हमें अपने त्योहारों को हर वर्ष इसी तरह मनाना चाहिए, जिससे आने वाली पीढ़ी भी अपनी लोक संस्कृति को एक अलग पहचान दिला सकेगी।