संसद मानसून सत्र- लोकसभा में विपक्ष ने किया भारी हंगामा, अग्निवीर योजना के विरोध में उठे सुर
संसद में मानसून सत्र का आज पांचवा दिन है। पिछले चार दिन विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं। मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया था। तबसे संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में बजट पर चर्चा हो रही है। वहीं, बजट के खिलाफ विपक्ष के रुख के चलते सदन में हंगामा भी देखने को मिल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा, ‘;चार साल बाद जो नौजवान सेवानिवृत्त हो जाएंगे, आखिर उनके भविष्य का क्या होगा? इस बात की कहीं कोई स्पष्ट जिम्मेदारी या गारंटी है क्या? प्रधानमंत्री को कम से कम सेना जैसे संवेदनशील मुद्दे को बहुत गंभीरता और जिम्मेदारी के साथ लेना चाहिए… समाजवादी पार्टी का मानना है कि जो पुरानी भर्ती योजना थी वही बेहतर थी।’
कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘देश की संसद में सीधा सवाल पूछा गया कि सरकार MSP का कानून लेकर आएगी या नहीं? जुलाई 2022 से 2024 तक MSP का कानून लाने के लिए जो कमेटी पीएम मोदी ने बनाई गई थी उसकी रिपोर्ट कानून बनाने के लिए आई या नहीं? देश के कृषि मंत्री ने इसका जवाब झूठ की जलेबी में ठुकरा दिया गया। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मोदी सरकार ने आज 72 करोड़ अन्नदाता किसान और मजदूरों का अपमान संसद के पटल पर किया है।’
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का किस तरह बोलबाला हो गया है, वो पूरे देश को दिखाई दे रहा है…समाज के सबसे वंचित वर्गों के विकास के लिए आए धन का इस्तेमाल भ्रष्टाचार के जरिए राजनीतिक और व्यक्तिगत लाभ के लिए किया जा रहा है… हम इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं और कर्नाटक के मुख्यमंत्री को भी इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए…”
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “कर्नाटक में जो कांग्रेस पार्टी की सरकार है उस सरकार में बहुत बड़े-बड़े घोटाले हुए हैं उस दो घोटाले में सीधे-सीधे मुख्यमंत्री शामिल हैं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सीधे तौर पर MUDA घोटाले में शामिल हैं …और वाल्मीकि घोटाले में भी मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। इस विषय को लेकर आज दोनों सदनों में मुद्दा उठा लेकिन कांग्रेस ने राज्यसभा में इस पर चर्चा नहीं होने दी और लोकसभा में काफी शोर कर पी.सी. मोहन को रोकने की कोशिश की। इस अर्थ है कि इसमें कांग्रेस पार्टी और उनके हाईकमान भी शामिल है…कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार और घोटाले के लिए जानी जाती है। उन्होंने कुछ लोगों को बचाने के लिए पूरा सदन को न चलाने का निर्णय किया। शोर किया इसका हम खंडन करते हैं।”