आटे के लिए मचा हाहाकार आसमान छू रहे है आटे के दाम,लग रही लंबी कतारें
पाकिस्तान अब तक के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। पिछले कई हफ्तों से देश में आटे की कीमतें आसमान छू रही हैं। कराची और देश के अन्य हिस्सों में आटे की कीमतों के सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं। पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार गेहूं के आटे का 20 किलो का बैग 3,100 पाकिस्तानी रुपये (करीब 910 भारतीय रुपये) तक पहुंच गया है। कीमतों में भारी बढ़ोतरी से सबसे ज्यादा परेशानी पाकिस्तान की आवाम को हो रही है। सरकारी सब्सिडी वाले आटे के लिए लंबी कतारें देखी जा रही हैं।
कराची और देश के अन्य हिस्सों में आटे की कीमतों के सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, कराची के लोग देश का सबसे महंगा आटा खरीदने को मजबूर हैं। यहां आटा 155 पाकिस्तानी रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। शहर में पिछले एक सप्ताह में आटे का 20 किलो का बैग 200 पाकिस्तानी रुपये महंगा हो गया है और यह 3100 पाकिस्तानी रुपये में मिल रहा है। इतनी कीमत में पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार लोग आटा खरीद रहे हैं।
पाकिस्तान की केंद्र और प्रांतीय सरकारें संकट के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहरा रहीं हैं। वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि संकट की वजह रूस-यूक्रेन युद्ध, 2022 की विनाशकारी बाढ़ और अफगानिस्तान में गेहूं की तस्करी हैं। सिंध और बलूचिस्तान में गेहूं की कीमतों में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई है, जिनके भंडार बाढ़ के कारण नष्ट हो चुके हैं। पाकिस्तान के योजना आयोग के अनुसार, बाढ़ की वजह से कृषि और इसके जुड़े क्षेत्रों को 3.725 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
अफगानिस्तान में गेहूं की तस्करी भी एक बड़ी वजह है, जिसके चलते कमी होती है। खैबर पख्तूनख्वा अफगानिस्तान के साथ पोरस बार्डर साझा करता है। लोग पड़ोसी देश में अधिक मुनाफा पाने के लिए गेहूं की तस्करी करते हैं।
पाकिस्तान अपनी खपत की जरूरतों को पूरा करने के लिए गेहूं का आयात करता है, जिसमें से अधिकांश रूस और यूक्रेन से आता है। ऑब्जर्वेटरी ऑफ इकोनॉमिक कॉम्प्लेक्सिटी (OEC) के आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में, पाकिस्तान ने 1.01 बिलियन डॉलर मूल्य का गेहूं आयात किया। सबसे अधिक यूक्रेन से 496 मिलियन डॉलर मूल्य का तो 394 मिलियन डॉलर मूल्य का गेंहू रूस से आया था।