ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान होगा बेनकाब,सांसदों की सात टीमें पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को करेगी बेनकाब 

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हलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपने ‘जीरो टॉलरेंस’ के संदेश को वैश्विक पटल पर मजबूती से रखने के लिए इस महीने के अंत में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को प्रमुख साझेदार देशों में भेजेगी। संसदीय कार्य मंत्रालय की शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया, ये सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भारत की आतंकवाद के विरुद्ध एकमत और दृढ़ रणनीति को दुनिया के सामने रखेगा। वे आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ भारत के सख्त रुख का संदेश लेकर जाएंगे। सरकार ने इन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने वाले नेताओं का चयन सभी प्रमुख राजनीतिक दलों से किया है, जो कई वैचारिक पृष्ठभूमि से आते हैं।

 

प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने वाले प्रमुख नेता इस प्रकार हैं:

 

  • रवि शंकर प्रसाद (भाजपा सांसद)
  • बैजयंत पांडा (भाजपा सांसद)
  • शशि थरूर (कांग्रेस सांसद)
  • संजय झा (जदयू सांसद)
  • कनीमोझी (डीएमके सांसद)
  • सुप्रिया सुले (एनसीपी – शरद पवार गुट सांसद)
  • श्रीकांत शिंदे (शिवसेना सांसद)

कहां जाएंगे ये प्रतिनिधिमंडल?
इनमें से हर एक प्रतिनिधिमंडल करीब पांच देशों का दौरा कर सकता है। इनमें शामिल होंगे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देश और भारत के प्रमुख रणनीतिक साझेदार। बयान में यह भी कहा गया कि हर प्रतिनिधिमंडल में भारत के वरिष्ठ और अनुभवी राजनयिक भी शामिल होंगे।

एनडीए से चार, इंडिया ब्लॉक से तीन नेता
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में चार नेता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से हैं, जबकि तीन विपक्षी इंडिया गठबंधन से आते हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल लगभग पांच देशों का दौरा कर सकता है। मंत्रालय के बयान में यह भी बताया गया कि प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में प्रतिष्ठित राजनयिक भी शामिल होंगे। बयान में कहा गया, ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की सतत लड़ाई की पृष्ठभूमि में ये सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में महत्वपूर्ण साझेदार देशों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों का दौरा करेंगे।

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केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का बयान
वहीं इसे लेकर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने एक्स पर लिखा, ‘जो क्षण सबसे ज्यादा मायने रखते हैं, उनमें भारत एकजुट होता है। जल्द ही सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रमुख देशों का दौरा करेंगे और आतंकवाद के खिलाफ हमारी साझा नीति को दुनिया के सामने रखेंगे।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘यह राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय एकता का मजबूत प्रतीक है।’

शशि थरूर और सुप्रिया सुले की प्रतिक्रिया
वहीं इसे लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि, मैं भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं, जिसमें मुझे हाल की घटनाओं पर हमारे देश का दृष्टिकोण पांच महत्वपूर्ण देशों की राजधानियों में जाकर प्रस्तुत करने के लिए सभी दलों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने को कहा गया है। जबकि एनसीपी एसपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, ‘पीएम मोदी ने सांसदों की सात समितियां बनाई हैं, जो दूसरे देशों में जाकर ऑपरेशन सिंदूर की कहानी का हमारा पक्ष उन देशों के सामने रखेंगी। कल मुझे केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का फोन आया, जिन्होंने मुझे इनमें से एक समिति का हिस्सा बनने के लिए कहा। यह बहुत स्पष्ट है कि जब हमारे देश का सवाल होता है, तो हम सब एक साथ होते हैं। सांसदों की प्रत्येक समिति में पांच सदस्य होंगे, जो लगभग 10 दिनों के दौरे पर जाएंगे, जिसमें पांच से आठ देश शामिल होंगे।

कांग्रेस ने किन-किन नेता का नाम दिया?
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘कल सुबह संसदीय कार्य मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता से बात की। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को लेकर भारत के रुख को समझाने के लिए विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडलों के लिए चार सांसदों के नाम प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था।’ उन्होंने कहा कि शुक्रवार दोपहर को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संसदीय कार्य मंत्री को कांग्रेस की ओर से चार नाम देते हुए पत्र लिखा। रमेश के अनुसार, राहुल गांधी ने प्रतिनिधिमंडल के लिए आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नासिर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग का नाम दिया है।

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