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अयोध्या- शहीद के क्लर्क बेटे की मौत पर हंगामा,अधिकारी ने बाल मुंडवाकर किया बेइज्जत, परिजन बोले-रोज करते थे प्रताड़ित

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योध्या में शहीद के क्लर्क बेटे की मौत पर हंगामा बरपा है। घरवालों ने तहसील के अधिकारी द्वारा प्रताड़ित करने की बात कही। तहसील में सबके सामने सिर मुंडवाकर बेइज्जत करने का आरोप लगाया है। घरवालों का दावा है कि उन्होंने डीएम से मिलकर शिकायत की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आक्रोशित लोगों ने आधी रात रामपथ पर शव को रखकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।

पूरा मामला शहर कोतवाली क्षेत्र के बढ़ई का पुरवा रानोपाली का है। यहां के निवासी राजकुमार यादव सीआरपीएफ में कमांडो थे। वह जून 2021 में शहीद हो गए थे। प्रदेश सरकार उनके 21 वर्षीय बेटे शिवम यादव को मृतक आश्रित कोटे से लिपिक के पद पर नौकरी दी थी। अभी 4 महीने पहले ही शिवम को तैनाती मिली थी। हाल ही में उनका स्थानांतरण सोहावल तहसील में हो गया था। 22 मार्च की शाम वह ड्यूटी से लौट रहे थे।

Ruckus over death of martyr clerk son in Ayodhya allegation of harassment on Tehsil officer

कैंट थाना क्षेत्र के सहादतगंज के पास अयोध्या-लखनऊ हाईवे पर एक डीसीएम ने उन्हें चपेट में ले लिया। आसपास के लोगों ने पुलिस की मदद से शिवम को जिला अस्पताल भेज। वहां डॉक्टरों ने देर शाम करीब 8 बजे शिवम को मृत घोषित कर दिया। खबर मिली तो परिजन रोते बिलखते जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने तहसील के एक प्रशासनिक अधिकारी पर बेटे का उत्पीड़न करने की बात कही। प्रशासनिक अधिकारी पर कार्रवाई की मांग को लेकर जिला अस्पताल के सामने रामपथ पर शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
Ruckus over death of martyr clerk son in Ayodhya allegation of harassment on Tehsil officer

हंगामे के करीब एक घंटे तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नजर नहीं आया। बाद में एसडीएम सदर विकास दुबे, एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी, सीओ सिटी शैलेंद्र सिंह पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह आरोपी अधिकारी पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। परिजनों का कहना है कि सोहावल तहसील में तैनाती के बाद से ही एक प्रशासनिक अधिकारी लगातार शिवम का उत्पीड़न कर रहा था। पांच दिन पहले तहसील में ही सार्वजनिक रूप से बेटे के बाल मुंडवा दिए। इतना ही नहीं उसे ठीक कर देने की धमकी भी दी। इसके बाद से बेटा अवसाद में था।
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नाना रामप्रसाद यादव ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारी शिवम से चिढ़ते थे। उत्पीड़न करने के साथ ही ही उसे रोज देर से छोड़ते थे। 22 मार्च को भी उसे प्रताड़ित करने के उद्देश्य से ही देर से छोड़ा। इससे पहले शिवम की मां और परिजनों ने प्रशासनिक अधिकारी के इस कृत्य की शिकायत सीआरपीएफ कमांडेंट सुनील कुमार दुबे से भी की थी। कमांडेंट से मुलाकात करके कार्रवाई कराने की मांग की थी। शिवम की मौत की सूचना मिली तो रात 9 बजे कमांडेंट भी जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घटना पर दुख जताया। साथ ही आरोपी अधिकारी पर कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया।

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उधर घटना की सूचना मिली तो सांसद अवधेश प्रसाद और पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारी के कृत्य की निंदा की। इसके बाद दोनों नेता वहीं धरने पर बैठ गए। सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि यह शहीद का अपमान है। उन्होंने अधिकारी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करके शहीद के बेटे को न्याय देने की मांग की। पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय ने कहा कि प्रदेश सरकार मृतक के परिजन को एक करोड़ रुपये मुआवजा और परिजन को नौकरी दे। आरोपी प्रशासनिक अधिकारी पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे।
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राजनीतिक हस्तक्षेप से मामला बढ़ता देख रात करीब 1 बजे जिलाधिकारी चंद्रविजय सिंह धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों से बातचीत की। पूरी घटना और एक अधिकारी की ओर से शिवम का सिर मुंडवाने के आरोपों की मजिस्ट्रियल जांच का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन मानें। उन्होंने धरना समाप्त किया। रविवार की तड़के करीब 3 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच वीडियोग्राफी की निगरानी में शव का पोस्टमार्टम कराया गया।
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सुबह करीब 5 बजे घरवाले शव लेकर पैतृक गांव रानोपाली पहुंचे। इस दौरान घर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। सीआरपीएफ कमांडेंट सुनील कुमार दुबे भी मौके पहुंचे। उन्होंने मृतक को श्रद्धांजलि दी। सुबह करीब 9:30 बजे शव को अंतिम संस्कार के लिए सरयू तट ले जाया गया। वहां कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद पुलिस और प्रशासन ने राहत की सांस ली। अब देखना होगा कि आगे क्या कार्रवाई होती है।
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