उपभोक्ता मामलों के विभाग ने केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के जरिए गुरुवार को कैब एग्रीगेटर्स ओला और उबर को अलग-अलग मूल्य निर्धारण को लेकर नोटिस जारी किया। यह एक ज्वलंत मुद्दा है, जिसे कई ग्राहकों ने इन कैब एग्रीगेटर्स के खिलाफ उठाया है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने अलग-अलग मोबाइलों, यानी एंड्रॉयड और/या आईफोन पर अलग-अलग कीमतों के दावों के बाद सोशल मीडिया एक्स पर यह बात साझा की।

यह ताजा घटनाक्रम जोशी की पिछले महीने की चेतावनी के बाद आया है। जिसमें उन्होंने कहा था कि “उपभोक्ता शोषण को लेकर जीरो टॉलरेंस (शून्य सहिष्णुता) बरती जाएगी।” उन्होंने सीसीपीए से इन आरोपों की गहन जांच करने को भी कहा।
केंद्रीय मंत्री ने इस प्रथा को “पहली नजर में अनुचित व्यापार व्यवहार” और उपभोक्ताओं के पारदर्शिता के अधिकार की “घोर अवहेलना” बताया।
ओला, उबर पर अलग-अलग किराये का मामला क्या है?
पिछले महीने, एक चौंकाने वाली थ्योरी ने इंटरनेट पर तूफान मचा दिया था। क्या राइड-हेलिंग एप एक ही राइड के लिए आईफोन यूजर्स से एंड्रॉयड यूजर्स की तुलना में ज्यादा पैसे ले रहे हैं? सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस बारे में अपने अनुभव साझा किए। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कई किए गए परीक्षणों से पता चला कि इस दावों के पीछे सिर्फ षड्यंत्र का सिद्धांत नहीं हो सकता है।
