नोएडा में सुपरटेक बिल्डर के ट्विन टावर का ध्वस्तीकरण 28 अगस्त को दोपहर 2:30 बजे महज 12 सेंकेंड में होगा। इससे ठीक 15 मिनट पहले एक्सप्रेसवे पर डायवर्जन व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। नोएडा एक्सप्रेसवे पर ब्लास्ट के बाद धूल हटने तक वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद रहेगी। ट्रैफिक पुलिस ने शुक्रवार शाम इसके लिए डायवर्जन प्लान जारी कर दिया है। लोग गूगल मैप का भी इस्तेमाल कर सकेंगे। इस पर ट्विन टावर व एक्सप्रेसवे पर डायवर्जन की व्यवस्था को अपडेट किया गया है। ट्विन टावर को जोड़ने वाले सभी मार्गों पर डायवर्जन लागू कर दिया गया है। रविवार सुबह सात बजे से इन मार्गों पर और सख्ती बरती जाएगी। सात बजे के बाद ट्विन टावर की तरफ किसी को नहीं जाने दिया जाएगा। हालांकि, टावर के आसपास की दो सोसाइटी एटीएस विलेज व एमराल्ड कोर्ट में रहने वाले लोगों को बाहर आने की इजाजत होगी। वहीं ध्वस्तीकरण से पहले शनिवार को एडिफिस के मालिक जिगर चेड्डा ने विधायक पंकज सिंह को ट्विन टावरों को गिराने की तैयारियां के बारे में जानकारी दी।
दोनों सोसाइटी में कुल 40 टावर और चार विला हैं। प्रेसवार्ता में पुलिस कमिश्नर कार्यालय के सभागार में डीसीपी सेंट्रल राजेश एस, डीसीपी ट्रैफिक गणेश प्रसाद साहा और एसीपी-दो रजनीश वर्मा ने ट्रैफिक प्लान जारी करते हुए व्यवस्था की जानकारी दी।
आईआईडीसी ने बताया कि ट्विन टॉवर को ध्वस्त किए जाने के लिए सीएसआईआर-सीबीआरआई के सहयोग से मुंबई की मेसर्स एडिफाइस इंजीनियरिंग एजेंसी का चयन किया गया है। एजेंसी ने पूर्व में कोचीन में ऐसी ही एक इमारत के सफलतापूर्वक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की है। इसे गिराने के लिए वॉटर फॉल इम्प्लोजन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जोकि डिजाइन के अनुसार मनचाही दिशा में भवन को गिराने के लिए काफी उपयोगी मानी जाती है।
विगत 10 अप्रैल को एक टेस्ट ब्लास्ट भी किया गया था, जिसके नतीजों के आधार पर सीबीआरआई ने संशोधित ब्लास्ट डिजाइन तैयार की है। टॉवर को ध्वस्त करने के लिए करीब 3700 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री को स्टोर किया गया है।
दोनों टॉवर में 9600 होल किए गए हैं, जहां विस्फोटक को रखा जा चुका है और अब इन्हें चार्ज किया जा रहा है। 28 अगस्त को दोपहर में ठीक 2:30 बजे एक बटन दबाने के महज 12 सेकेंड के भीतर 30 मंजिला टावर संख्या 16 और 31 मंजिला टॉवर संख्या 17 जमींदोज हो जाएगी।
आपको बता दें कि ट्विन टावर में विस्फोटक लगाने का काम सोमवार को पूरा हो गया। दोनों टावरों में करीब 3700 किलो विस्फोटक लगा दिए गए हैं। अब विशेषज्ञ सभी पिलरों की जांच करेंगे। जिसके बाद हर फ्लोर पर लगे विस्फोटकों को तारों से जोड़ा जाएगा। जिसके बाद 28 अगस्त को ब्लास्ट इमारत ढहा दी जाएगी।
ब्लास्टर चेतन दत्ता का कहना है कि हम ट्विन टावर से लगभग 50-70 मीटर दूर होंगे। वहीं से बटन दबाया जाएगा। इसमें कोई खतरा नहीं होगा और पूरा यकीन है कि टावर सही तरीके से ढह जाएंगे। यह एक सरल प्रक्रिया है। हम डायनेमो से करंट उत्पन्न करते हैं और फिर बटन दबाते हैं, जो 9 सेकंड के भीतर सभी शॉक ट्यूबों में डेटोनेटर को प्रज्वलित कर देगा और बिल्डिंग जमींदोज हो जाएगी। लगभग 100 मीटर ऊंची इमारत को गिराने में लगे भारतीय और विदेशी ब्लास्टर की एक टीम को छोड़कर टावर के चारों ओर 500 मीटर के दायरे में किसी के भी आने की अनुमति नहीं होगी।