खबर नैनीताल से: नंदिता प्रसाद:- बेजुबानों की फरिश्ता बनीं नंदिता, 300 से ज्यादा आवारा कुत्तों की कर रहीं सेवा

Spread the love

नैनीताल जैसे शांत, सुंदर और पर्यटनप्रिय शहर में जहां लोग प्रकृति की गोद में सुकून के कुछ पल बिताने आते हैं, वहीं नंदिता प्रसाद ऐसे प्राणियों के लिए अपना जीवन समर्पित कर चुकी हैं, जिनकी आवाज अक्सर अनसुनी रह जाती है। वह पर्यटन नगरी नैनीताल में सिर्फ इन्सानों के बीच ही नहीं, बल्कि जानवरों के बीच भी पहचानी जाती हैं।

नंदिता पिछले कई वर्षों से लगभग 300 आवारा कुत्तों की देखभाल कर रही हैं, जिन्हें वह अपना बच्चा कहती हैं। यह कार्य कुत्तों को केवल खाना देने तक सीमित नहीं है, बल्कि घायल जानवरों को बचाना, उनका इलाज कराना, जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन कराना, दवाइयों की व्यवस्था करना और उनके पुनर्वास तक का पूरा जिम्मा वह अकेले निभा रही हैं। उन्होंने न केवल इन जानवरों की पीड़ा को समझा, बल्कि उनके लिए एक सुरक्षित और करुणामय वातावरण भी तैयार किया है।
उनके प्रयासों की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है 600 से अधिक आवारा कुत्तों की नसबंदी कराना। यह कार्य न केवल पशु कल्याण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि शहरी जीवन में कुत्तों की बढ़ती संख्या और मानव-पशु संघर्ष को भी कम करता है। नसबंदी के जरिये नंदिता ने कुत्तों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने का प्रयास किया।

नंदिता कहती हैं, “मैं चाहती हूं कि इन जानवरों को भी एक सम्मानजनक जीवन मिल सके और समाज में उनका स्वीकार्य स्थान बन सके।” हालांकि नंदिता का कार्य सिर्फ नसबंदी और इलाज तक सीमित नहीं है। उन्होंने अभी तक 60 से अधिक कुत्तों को अच्छे और जिम्मेदार घरों में गोद दिलवाया है। गोद देने से पहले वह यह सुनिश्चित करती हैं कि पशु को अपनाने वाला परिवार समझदार हो, संवेदनशील हो और उसके लिए जीवन भर जिम्मेदारी उठाने को तैयार रहे। वह अपने इन ‘बच्चों’ को उन लोगों को नहीं सौंपतीं, जिनमें उन्हें गहरा भावनात्मक जुड़ाव और जिम्मेदारी की भावना नहीं झलकती है।

नंदिता कहती हैं, “मेरा दैनिक जीवन बेहद व्यस्त और चुनौतीपूर्ण रहता है। सुबह से लेकर रात तक मैं अपने इन ‘बच्चों’ की सेवा में जुटी रहती हूं- कहीं कोई घायल है तो उसे उठाना, किसी को समय पर दवा देना, किसी के खाने की व्यवस्था करना। मौसम कोई भी हो- बारिश, सर्दी, गर्मी, मैं पूरे समर्पण के साथ इनकी सेवा में लगी रहती हूं।”

और पढ़े  Uttarakhand: जुड़वा भाई की हत्या करने वाले आरोपी श्याम की संदिग्ध हालात में मौत, फंदे से लटका मिला

नंदिता की इस राह में कई बार आर्थिक समस्याएं, सामाजिक असहयोग और प्रशासनिक उपेक्षा भी आई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने कई बार निजी बचत इन जानवरों के इलाज और खान-पान में लगा दी। सोशल मीडिया और लोकल नेटवर्किंग के जरिये उन्होंने धीरे-धीरे लोगों को जागरूक किया और अब कुछ स्थानीय लोग तथा संगठन भी उनके कार्य में हाथ बंटाने लगे हैं।

नंदिता कहती हैं, “ये हमारी भाषा नहीं बोल सकते, लेकिन भावनाओं को बेहद गहराई से समझते और महसूस करते हैं, शब्दों के बिना भी प्यार, वफादारी और दर्द व्यक्त कर सकते हैं। इनकी आंखों में छिपे जज्बात इन्सान के दिल तक पहुंचते हैं। जब हम दुखी होते हैं, ये चुपचाप हमारे पास आकर सांत्वना देते हैं। जब खुश होते हैं तो सबसे पहले दौड़कर हमारी खुशी में शामिल होते हैं। इन्सान भले ही भाषा में प्रवीण हो, लेकिन इनकी संवेदनशीलता और निस्वार्थ प्रेम इन्हें अद्वितीय बनाता है।”

नंदिता अभी नैनीताल में पशुओं की सेवा कर रही हैं, लेकिन उनका सपना इससे कहीं बड़ा है। वह चाहती हैं कि हर शहर, हर गली में कोई ऐसा हो, जो इन बेजुबानों की आवाज बने, उनकी देखभाल करे और समाज में उनके प्रति संवेदना और जिम्मेदारी की भावना को जगाए।


Spread the love
  • Related Posts

    चमोली- दोपहिया वाहन ट्रक से टकराया, सवार 4 लोगों में से दो की हादसे में मौत

    Spread the love

    Spread the love   गोपेश्वर नए बस अड्डे के पास घिनघरान की ओर जा रहा एक दोपहिया वाहन पिकअप से टकराने से दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दर्दनाक हादसे में दो लोगों की…


    Spread the love

    उत्तराखंड में अलर्ट- लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास ब्लास्ट के बाद उत्तराखंड में भी हाई अलर्ट, पुलिस ने चौकसी बढ़ाई

    Spread the love

    Spread the loveदिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम एक धमाका हो गया। यह धमाका मेट्रो स्टेशन के पास एक कार में हुआ है। जिसके बाद कार…


    Spread the love