
नेहा सिंह राठौर के गाने यूपी में का बा..पर मुख्यमंत्री
योगी ने दिया जवाब-यूपी में बाबा..
यूपी में विधानमंडल सत्र जारी है। आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में बोलते हुए न सिर्फ अखिलेश यादव को करारा जवाब दिया और गायिका नेहा सिंह राठौर के ‘का बा..’ वाले मामले पर भी कटाक्ष किया। योगी आदित्यनाथ विपक्ष पर जमकर बरसे। प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड को लेकर योगी ने कहा कि मैं माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा। वहीं यूपी में का बा…को लेकर योगी ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया जिसके बाद सदन में ठहाके लगने लगे।
गौरतलब है कि शनिवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह की हत्या का मामला उठाया और कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त है। सरकार को इसका जवाब देना चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन पर हमला बोलते हुए काफी देर तक जवाब दिया।
का बा… पर बोले ‘बाबा बा…’
मुख्यमंत्री योगी ने सरकार की उपलब्धियों का वर्णन किया और कहा कि अब भी लोग पूछते हैं कि यूपी में का बा…। यूपी में का बा… का जवाब है यूपी में बाबा बा…।
जो अपने बाप का सम्मान नहीं कर सके…
सीएम योगी ने कहा, पहले बयान दिए जाते थे कि, ‘लड़के हैं गलती कर देते हैं’। मुझे हैरानी है कि ऐसे लोग लोकतंत्र की बात करते हैं। ये लोग राज्य में सुरक्षा की बात करते हैं… शर्म तो तुमको करनी चाहिएअपने बाप का सम्मान नहीं कर पाए हो। क्या तुम्हें इस तरह का बर्ताव करना चाहिए? सीएम ने कहा कि मैंने किसी का नाम नहीं लिया है लेकिन जो बात कही गई थी उस पर चर्चा तो होगी ही।
विरासत में सत्ता तो मिल सकती है लेकिन बुद्धि नहीं मिलती’
‘हम माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में कहा कि हम माफियाओं के खिलाफ हैं, उन्हें मिट्टी में मिला देंगे। उन्होंने कहा कि सपा ने ही अतीक अहमद को प्रश्रय दिया है। हम किसी भी माफिया को नहीं छोड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा माफियाओं की पोषक है। राजूपाल हत्याकांड में अतीक अहमद दोषी है उसे सपा ने विधायक बनाकर प्रश्रय दिया।
अखिलेश यादव की तरफ इशारा करते हुए योगी ने कहा कि आप खुद माफियाओं का पोषण कर रहे हैं। इस पर अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी की भाषा पर सवाल उठाए। इस पर सदन में कुछ देर के लिए हंगामा हो गया। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के दखल के बाद सदन की कार्यवाही फिर से चलने लगी।