योगी सरकार का 1 वर्ष पूरा होने पर प्रभारी मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने पत्रकारों को किया संबोधित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 1 वर्ष पूरा होने पर शनिवार को विकास भवन सभागार में पत्रकार को संबोधित करते हुए प्रभारी मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने बताया कि गौरवशाली सांस्कृति विरासत प्रचुर प्राकृतिक संपदा और संसाधन संपन्न होने के बावजूद उ०प्र० लम्बे समय तक अदूरदर्शी नेतृत्व के कारण अव्यवस्था एवं अराजकता का शिकार रहा है। शासन-प्रशासन में माफिया, अराजक और भ्रष्ट तत्वों का बोलबाला होने के कारण किसान, युवा, अद्यमी सहित समाज का हर वर्ग परेशान था। प्रदेश की आर्थिक स्थिति जर्जर थी। और प्रशासनिक अराजकता चरम पर थी।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में अभूतपूर्व जनादेश के फलस्वरूप देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र गोदी ने प्रदेश की सेवा के लिए योगी आदित्यनाथ पर भरोसा किया है। शीर्ष नेतृत्व की इस कसौटी पर योगी जी खरे उतरे है। उन्होंने अपने प्रशासनिक कौशल एवं दूरदर्शिता से प्रदेश में न केवल कानून का राज एवं अमन-चैन कायम किया अपितु जर्जर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाकर सर्वसमवेशी विकास के मार्ग को भी प्रशस्त किया।उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश अब तक के अपने सबसे बड़े 6 लाख 90 हजार 242 करोड़ 43 लाख रूपये के बजट के साथ ‘वन ट्रिलियन डालर ‘इकोनॉमी’ बनने की ओर अग्रसर है। अब उत्तर प्रदेश की पहचान बीमारू व पिछड़े राज्य की नहीं, देश अग्रणी राज्य के रूप में हो रही है। देश-दुनिया के निवेशकों को यह प्रदेश अपने बेहतर इन्फास्ट्रक्चर, पारदर्शी नीतियों और अपार सहूलियतों की वजह से आकर्षित कर रहा है। औद्योगिक घराने यहाँ अपने निवेश को सुरक्षित एवं ऊर्ध्वगामी मानकर उत्साहपूर्वक निवेश कर रहे हैं। 10 से 12 फरवरी तक लखनऊ में आयोजित यू०पी० ग्लोबल इन्स्टर्स समिट की अपार सफलता मिली है। इस समिट में देश-दुनिया के 25000 निवेशकों ने प्रतिभाग किया। 10 देशों ने कण्ट्री पार्टनर के रूप में तथा 40 देशों के 1000 से अधिक प्रतिनिधियों ने समिट में सहभागिता की है। समिट के दौरान लगभग 35 लाख करोड़ रूपये के 20,652 एम.ओ. यू. हस्ताक्षरित हुए। इससे प्रदेश में 1 करोड़ 41 हजार से अधिक नौकरी व रोजगार सृजित होंगे। प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ कि निवेशक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र नोएडा तक ही सीमित नहीं रहें, बल्कि प्रदेश के सभी जनपदों में निवेश कर रहे हैं। पश्चिमी उ0प्र0 में 16 लाख 70 हजार 74 करोड़ रूपये, पूर्वांचल में 9 लाख 55 हजार करोड़ रूपये, बुदेलखण्ड में लाख 27 हजार 873 करोड़ रूपये तथा मध्यांचल में 4 लाख 27 हजार 87 करोड़ रुपये का निवेश होगा।