लोकसभा चुनाव 2024- उत्तराखंड: ये चुनाव तय करेगा 3 युवाओं का राजनीतिक भविष्य,जीत-हार से तय होगा भविष्य

Spread the love

लोकसभा चुनाव 2024- उत्तराखंड: ये चुनाव तय करेगा 3 युवाओं का राजनीतिक भविष्य,जीत-हार से तय होगा भविष्य

लोकसभा चुनाव उत्तराखंड में एक तरफ भाजपा-कांग्रेस के दिग्गजों की साख का सवाल बन गया है। वहीं दूसरी ओर लोकसभा के रण में पहली बार उतर रहे तीन युवाओं के राजनीतिक भविष्य को भी यह चुनाव तय करेगा। इसमें एक युवा हैं टिहरी सीट के निर्दलीय प्रत्याशी 26 साल के बॉबी पंवार। दूसरे हैं नैनीताल लोकसभा सीट के प्रत्याशी कांग्रेस के 46 वर्षीय प्रकाश जोशी और हरिद्वार सीट से प्रत्याशी 48 साल के विरेंद्र रावत। इस लोकसभा चुनाव में जीत होने पर तीनों आने वाले समय में प्रदेश के बड़े चुनावी दिग्गज बनकर उभर सकते हैं।

बॉबी पंवार बेरोजगारों की हैं आस
भाजपा के गढ़ टिहरी लोकसभा सीट को रोचक बना रहे निर्दलीय बॉबी पंवार के समर्थकों की भीड़ से हर कोई हैरान है। भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों की नींदे एक 26 साल के प्रत्याशी ने उड़ा रखी है। भ्रष्टाचार और बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर चुनाव में उतरे बॉबी के साथ चल रहा युवाओं का रेला वोट में तब्दील होता है तो बॉबी इस सीट पर नया इतिहास भी रच सकते हैं। बेरोजगार युवाओं की आस बॉबी पंवार देहरादून जिले के जौनसार बावर क्षेत्र के चकराता तहसील के लाखामंडल के रहने वाले हैं। बॉबी ने साल 2017 में डाकपत्थर डिग्री कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की। इसके बाद वह कोचिंग कर सरकारी नौकरी की तैयााी करने लगे, वहीं दूसरी ओर उनका परिवार खेतीबाड़ी कर अपनी आजीविका चलाता है।

और पढ़े  उत्तराखंड में आज शाम 5 बजे थमेगा पहले चरण के प्रचार का शोर, आठ पोलिंग पार्टियां रवाना

साल 2017 में कोई भर्ती नहीं निकलने पर साल 2018 में बॉबी बेरोजगार संघ से जुड़े और भर्ती निकालने के लिए आंदोलन करने लगे थे। बॉबी के कड़े तेवर देखते हुए उनको बेरोजगार महासंघ का अध्यक्ष भी घोषित किया गया। जिसके बाद बॉबी ने 2018 में ही सचिवालय कूच भी किया। यहां पुलिस ने युवाओं पर लाठीचार्ज की तो कुछ समय बाद ही उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने भर्तियों की विज्ञप्ति जारी कर दी थी। मगर बॉबी पंवार उभरकर निकले परीक्षाओं में धांधली के खिलाफ हुए प्रदर्शन से। धांधली की जांच को लेकर बॉबी ने साल 2020 से लेकर 2023 तक लगाताार आंदोलन किए। फरवरी 2023 में बॉबी पंवार को जेल भेजा गया, जिसके खिलाफ देहरादून में युवाओं ने उग्र प्रदर्शन भी किया था। युवाओं के आंदोलन से निकले बॉबी पंवार ने अब टिहरी लोकसभा सीट से चुनावी समर में अपना कदम रख दिया है। जिसके बाद भाजपा और कांग्रेस ने भी टिहरी में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

विरेंद्र के सामने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने की चुनौती
कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लोकसभा के चुनावी समर में अपने बड़े बेटे वीरेंद्र रावत को उतार दिया है। हरीश रावत और वीरेंद्र रावत के बीच फंसे कांग्रेस के दिग्गजों को आखिरकार हरीश रावत मनाने में सफल रहे और अपनी राजनीतिक विरासत को बड़े बेटे के हाथों सौंप दिया। मगर वीरेंद्र रावत के सामने अब अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने के साथ ही कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के भरोसे को भी जीतने की चुनौती है। 1975 में जन्मे वीरेंद्र रावत एमकॉम की पढ़ाई की। कॉलेज के दिनों से ही उनके राजनीतिक सफर की शुरूआत हुई। साल 1996-97 वह नई दिल्ली छात्रसंघ अध्यक्ष रहे।

और पढ़े  बदरीनाथ: लगातार बारिश से उफान पर अलकनंदा, जलमग्न हुए घाट, यात्रियों से सतर्क रहने की अपील

वर्तमान में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। यूथ कांगेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष रहने के साथ ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी में विभिन्न पदों में उन्होंने काम किया है। साल 2022 में भी वीरेंद्र रावत खानपुर से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन अब पिता हरीश रावत की पैरवी से उनको लोकसभा में मौका मिल सका है। प्रदेश में उत्तराखंड फुटबॉल लीग का आयोजन कराने वाले वीरेंद्र रावत के सामने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के रूप में मजबूत विपक्षी है। जो एक मझे हुए राजनीतिक, कूटनीतिज्ञ और वक्ता हैं। पूर्व सीएम रहने से उनका जनता में आधार भी है। ऐसे में वीरेंद्र रावत को उनके सामने खुद को साबित करने के साथ ही जीत भी दर्ज करनी होगी। जिससे वीरेंद्र के लिए राजनीतिक भविष्य के दरवाजे भी खुलेंगे। दरअसल वीरेंद्र रावत की बहन अनुपमा रावत भी हरिद्वार ग्रामीण से विधायक हैं, ऐसे में वीरेंद्र रावत के सामने अब खुद को साबित करने की भी चुनौती रहेगी।

प्रकाश जोशी के लिए जीत तय करेगा राजनीति का भविष्य
नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट से काफी मंत्रणा के बाद कांग्रेस हाईकमान ने प्रकाश जोशी को प्रत्याशी बनाया है। प्रकाश जोशी को गांधी परिवार का करीबी माना जाता है। मगर इस लोकसभा चुनाव में प्रकाश जोशी के सामने अपने राजनीति भविष्य की नई बुनियाद रखने की भी चुनौती रहेगी। बीकॉम की पढ़ाई कर चुके 46 साल के प्रकाश जोशी करीब 35 साल से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के करीबी माने जाने वाले प्रकाश जोशी छात्र संगठन एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस में कई अहम पदों पर रहे हैं।

और पढ़े  हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त- उत्तरकाशी विमान हादसे पर एएआईबी ने जारी की जांच रिपोर्ट, हादसे की वजह आई सामने

वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव भी वह रहे हैं, साथ ही कांग्रेस में कई अन्य जिम्मेदारियां भी निभा चुके हैं। राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले युवा नेता प्रकाश जोशी के सामने अब लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करना सबसे बड़ी चुनौती है। दरअसल प्रकाश जोशी दो बार नैनीताल जिले की कालाढूंगी विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर ही चुनाव लड़ चुके हैं। साल 2012 में भाजपा के बंशीधर भगत के हाथों उनको शिकस्त मिली थी, वहीं 2017 में एक बार फिर बंशीधर भगत के हाथों उनको हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में अब प्रकाश जोशी के सामने भाजपा के गढ़ में वोटरों में सेंध लगाने के साथ ही मौजूदा सांसद को हराने की भी चुनौती है। यह चुनाव प्रकाश जोशी के राजनीतिक भविष्य को भी तय करेगा कि क्या वह भाजपा से दो हार का बदला ले सकेंगे।


Spread the love
  • Related Posts

    मोटाहल्दु: गौला नदी में डूबने से 2 छात्रों की मौत, शव बरामद, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

    Spread the love

    Spread the love   गौला नदी में नहाने गए कक्षा 9वीं और कक्षा 10वीं के दो छात्र मंगलवार की रात डूब गए। बुधवार की सुबह दोनों का शव पांच घंटे…


    Spread the love

    कांवड़ यात्रा: 4 करोड़ से ज्यादा ‘भोले’ पहुंचे हरकी पैड़ी,हाईवे से शहर तक उमड़ा रेला..

    Spread the love

    Spread the love     कांवड़ यात्रा के अंतिम दिन डाक कांवड़ यात्रियों की रफ्तार बेहद तेज रही। हाईवे से लेकर शहर की गलियों तक सबसे अधिक तेज आवाज वाली…


    Spread the love

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *