बिहार की सहरसा जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। फोटो में आनंद मोहन अपनी पत्नी लवली आनंद और बेटे चेतन आनंद के साथ दिखाई दे रहे हैं। आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में सजा सुनाई गई थी। तस्वीरें वायरल होने के साथ ही बिहार पुलिस और नई-नई महागठबंधन की सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं। विपक्ष में आई भाजपा ने पहले भी आरोप लगाए थे कि राज्य में महागठबंधन की सरकार आते ही जंगलराज की वापसी हो गई है। इस मामले में भी भाजपा ने नीतीश सरकार पर करारा हमला बोलते हुए इसे जंगलराज की वापसी बताया है।
बताया जा रहा है कि राजद विधायक चेतन आनंद के पिता पूर्व सांसद आनंद मोहन जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। इस बीच वे अपने पूरे लाव लश्कर के साथ पटना स्थित आवास पहुंचे। गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड मामले में आनंद मोहन को फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन कोर्ट ने फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। तब से वे जेल में बंद हैं।
इस बीच आनंद मोहन को पुलिस अभिरक्षा में पेशी के लिए पटना लाया गया था, लेकिन बाहुबली पूर्व सांसद लाव-लश्कर के साथ पटना वाले अपने आवास पर पहुंच गए। 12 अगस्त को वो अपने पाटलीपुत्र स्थित आवास पहुंचने के बाद पूर्व सांसद ने अपने समर्थकों के साथ बैठक भी की। इस दौरान आनंद मोहन के साथ उनकी पत्नी लवली आनंद और राजद से विधायक बेटे चेतन आनंद भी मौजूद रहे।
पेशी के लिए पटना आए आनंद मोहन की बैठक करने की तस्वीर वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। मामले में अधिकारी सवालों के जवाब देने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें भी खबरों के जरिए इस बारे में जानकारी मिली। जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी।
मामले में तूल पकड़ा, सियासत भी गरमाई
तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया। इसके बाद पुलिस और जेल प्रशासन पर सवाल उठने लगे। भाजपा ने मामले में महागठबंधन सरकार पर सवाल उठाकर सियासी गलियारे में भी हलचल तेज कर दी। बिहार भाजपा के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि महागठबंधन सरकार बनते ही जंगलराज वापस आ गया है। सोशल मीडिया पर जारी तस्वीरें उसका ताजा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि आम जनता डरी हुई है। महागठबंधन सरकार इस पर जवाब दे। महागठबंधन सरकार बनते ही कई हत्याएं हो चुकी हैं। गुडों के हौसले बुलंद हैं। कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा रही है।