
हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है। इस रथ यात्रा में स्वयं भगवान भक्तों के बीच रथ पर सवार होकर आते हैं। यह दुनिया की सबसे प्राचीन और भव्य रथ यात्रा है, जिसमें देश विदेश से श्रद्धालु शामिल होने के लिए पहुंचते हैं। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस यात्रा में भाग लेता है या रथ की रस्सी खींचता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 एक ऐसा आध्यात्मिक अवसर है, जिसे हर भारतीय को कम से कम एक बार अनुभव करना चाहिए।
जगन्नाथ रथ यात्रा उड़ीसा के पुरी में निकाली जाती है। इसमें जगन्नाथ भगवान के रथ को खींचने की परंपरा है। यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है। अगर आप भी इस यात्रा में शामिल होना चाहते हैं तो समय रहते योजना बनाएं ताकि सुरक्षित यात्रा कर सकें। आइए जानते हैं कि जगन्नाथ रथ यात्रा कब है और कैसे इस यात्रा में शामिल हो सकते हैं? रथ यात्रा के लिए पूरी जानकारी इस लेख में बताई जा रही है।
जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 में कब है?
पंचांग के मुताबिक, प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से पुरी रथ यात्रा की शुरुआत होती है। इस वर्ष जगन्नाथ रथ यात्रा 27 जून 2025 को शुरू होगी। हालांकि यात्रा से पहले कई शुभ कार्यक्रम होते हैं जिनकी शुरुआत की जा चुकी है। रथ निर्माण से लेकर स्नान पूर्णिमा पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को 108 कलशों से स्नान कराया जाता है। इसके बाद 26 जून को गुंडीचा मंदिर सफाई की जाएगी। गुंडीचा मंदिर भगवान की मौसी का घर है, रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ मौसी के घर जाते हैं। इसके बाद अगले दिन यानी 27 जून को रथ यात्रा निकाली जाएगी। इस दिन भगवान तीन भव्य रथों में सवार होकर श्रीमंदिर से गुंडीचा मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं। रथ यात्रा का नौ दिन तक चलेगी और 5 जुलाई 2025 को रथ यात्रा की वापसी होगी, जब पुन: भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ श्रीमंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे।
कैसे पहुंचें पुरी?
जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होने के लिए पुरी पहुंचना होगा। पुरी उड़ीसा में स्थित है। आप हवाई मार्ग से सफर कर रहे हैं तो पुरी से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट भुवनेश्वर में है। भुवनेश्वर का बीजू पटनाटक इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत के कई शहरों से सीधी उड़ान के माध्यम से जुड़ा है। आप भुवनेश्वर एयरपोर्ट पहुंचकर टैक्सी या बस के जरिए 60 किमी की दूरी तय करके पुरी पहुंच सकते हैं।
बजट में सफर के लिए रेल यात्रा का विकल्प भी अपना सकते हैं। पुरी रेलवे स्टेशन देशभर से जुड़ा हुआ है। पुरी रेलवे स्टेशन से जगन्नाथ मंदिर और रथ यात्रा स्थल की दूरी लगभग ढाई से तीन किमी है।
सड़क मार्ग से यात्रा के लिए भुवनेश्वर और कोणार्क से पुरी के लिए नियमित सरकारी और निजी बसें मिलती हैं। NH-316 द्वारा सड़क मार्ग भी सरल है।
पुरी रथ यात्रा के लिए टिप्स
पहले से बुकिंग
रथ यात्रा में भारत ही नहीं विदेश से भी श्रद्धालु आते हैं। रथ यात्रा के दौरान काफी भीड़ होती है और मंदिर के पास के होटल बुक हो जाते हैं। ऐसे में पहले से परिवहन यानी ट्रेन या फ्लाइट का टिकट बुक कर लें। साथ ही होटल या धर्मशाला की बुकिंग भी पहले से ही कर लें ताकि आपको वहां पहुंचने या रहने में असुविधा न हो।
मौसम समझें
जून के अंत में पुरी में गर्मी और बारिश दोनों हो सकते हैं। मौसम का पता लगाकर उसके अनुसार ही आरामदायक कपड़े और छाता साथ रखें।
सावधान रहें
रथ यात्रा के दौरान भीड़ को देखते हुए बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। अगर स्वास्थ्य समस्या है तो दूर से यात्रा देखें। इसके साथ ही अपनी कीमती सामान की देखरेख भी करें।
मोबाइल ऐप का उपयोग
रथ यात्रा से जुड़ी सभी जानकारी Shree Jagannatha Dham ऐप पर उपलब्ध रहेगी। इस ऐप से आप दर्शन, लाइन स्थिति, आवास और महाप्रसाद की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।