
मौसम के अनुसार रामलला के भोग में बदलाव हुआ है। राम मंदिर ट्रस्ट भगवान रामलला को जीवंत मानते हुए मौसम के अनुसार भोग और उनके पहनावे में बदलाव करता है। वह भी तब जब रामलला मंदिर में पांच साल के बालक के रूप में विराजमान हैं। इस समय भीषण गर्मी चल रही है और भगवान रामलला को शीतलता देने के लिए मैंगो शेक भी पिलाया जा रहा है। इसके साथ ही भोग में लस्सी भी दी जा रही है।
राम मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के मीडिया समन्वयक और विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि रामलला को प्राण प्रतिष्ठित किया गया है। इसलिए श्रद्धालु उन्हें जीवंत रूप में मानते हैं और दर्शन पूजन करते हैं। पुजारी और भंडारी मौसम के अनुसार उनके पहनावे, रखरखाव और भोग में बदलाव करते रहते हैं। गर्मी में उनका वस्त्र सूती का होता है।
भोग मौसम के अनुकूल हो और उनको शीतलता मिल सके, इसलिए शीतल पेय पदार्थ के रूप में मैंगो शेक, दही की लस्सी, छाछ और मधु रस का भोग समर्पित किया जा रहा है। रामलला को गर्मी का एहसास न हो, इसके लिए सारी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
इस समय मौसम बहुत गर्मी है। जिस प्रकार से भक्तों को गर्मी लगती है, उसी प्रकार उनके आराध्य को भी गर्मी लगती है। धूप, गर्मी, बरसात, ठंड का अहसास भगवान को भी होता है। हम जीवंत प्रतिमा मानते हुए उनकी सारी व्यवस्था करते हैं। इस वातावरण में उनके गर्भगृह में एसी और कूलर की भी व्यवस्था की गई है।
