
दुष्कर्म पीड़िता यदि गर्भवती हुई तो उसके पालन-पोषण से लेकर आत्मनिर्भर बनाने तक की जिम्मेदारी राज्य सरकार उठाएगी। इसके तहत प्रत्येक पीड़िता को 23 साल की उम्र तक चार हजार रुपये प्रतिमाह पोषण भत्ता देने का प्रावधान किया गया है।
इसी आयु तक उसे एकीकृत चिकित्सा, कानूनी सहायता, आवास, शिक्षा, कौशल विकास जैसी सुविधाएं भी सरकार उपलब्ध कराएगी, ताकि पोषण भत्ते की अवधि पूरी होने तक पीड़िता आत्मनिर्भर हो सके। इस योजना के तहत राज्य में प्रत्येक जिले को 10 लाख रुपये का बजट दिया गया है।