
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी माैत मामले की जांच हिमाचल हाईकोर्ट ने सीबीआई को साैंपने के आदेश पारित किए हैं। मामले पर सत्ता पक्ष व विपक्ष की प्रतिक्रियाएं भी आई हैं। ख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान ने कहा कि हाईकोर्ट की ओर से सीबीआई जांच को लेकर दिए आदेशों का सरकार और कांग्रेस पार्टी स्वागत करती है। दिवंगत चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले से पर्दा उठना चाहिए। सरकार किसी को भी बचाने के पक्ष में नहीं है। मुख्यमंत्री इस घटना के पहले दिन से मामले को लेकर गंभीर हैं। दिवंगत विमल नेगी की पत्नी के कहने पर पावर काॅरपोरेशन से संबंधित अफसरों को हटाया गया, फिर निलंबित भी किया। पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की। चौहान ने कहा कि सरकार इस मामले को लेकर संवेदनशील है। भाजपा इस घटना पर राजनीति कर रही है। कहा कि गुड़िया मामले की देशभर में चर्चा हुई थी, वह केस सीबीआई को गया था। सीबीआई की इस जांच को लेकर आज भी कई लोगों के मन में शंका है। उम्मीद है कि विमल नेगी मामले में सीबीआई सच्चाई को सामने लाएगी।
जयराम बोले- अब विमल नेगी के परिवार को न्याय मिलकर रहेगा, भ्रष्टाचारी सलाखों के पीछे होंगे
चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में जांच सीबीआई को सौंपने के उच्च न्यायालय के फैसले का पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने स्वागत किया है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद जयराम ठाकुर ने मंडी के बालीचौकी में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि विमल नेगी मौत मामले में वे पहले दिन से ही सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे और इस मांग को उन्होंने विधानसभा पटल पर भी रखा था लेकिन सूबे की सरकार परिवार पर सीबीआई जांच न करवाने का लगातार दबाव बना रही थी। आखिर में जब विमल नेगी परिवार को न्याय नहीं मिला और सबूतों से छेड़छाड़ करने की बात सामने आई तो मजबूरन परिवार ने हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की मांग उठाई। जयराम ठाकुर ने सीएम से सवाल करते हुए कि जब परिवार भी सीबीआई जांच की मांग कर रहा था तो उन्होंने ने भी सीबीआई जांच मांगकर क्या गलत किया। सुक्खू इस बात को बताएं। जांच को प्रभावित करने की कई बार नाकाम कोशिशें होती रहीं, लेकिन आज हाईकोर्ट का फैसला स्वागत करने योग्य है। जयराम ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि विमल नेगी संदिग्ध मौत मामले को आत्महत्या से नहीं बल्कि हत्या के नजरिये से भी देखा जाना जरूरी है क्योंकि जिन प्रोजेक्टों से जुड़ा यह मामला है, वहां से बहुत बड़े भ्रष्टाचार की बू आ रही है और नेताओं सहित बड़े-बड़े अधिकारियों के ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे हैं। शिमला जिला और ऊना के पेखुवाला सोलर प्रोजेक्ट में अरबों रुपये के घोटालों को दबाने का प्रयास हुआ है। ये संगठित भ्रष्टाचार का मामला है। इसमें नेता भी शामिल हैं। जो कह रहे थे इस सरकार के ढाई साल में भ्रष्टाचार का कोई दाग नहीं लगा है उनका तो पूरा चेहरा ही अब कालिख से पोत गया है। प्रदेश के इतिहास में यह पहली जांच हैं जहां सबूत जुटाने के बजाय सबूत नष्ट करने के लिए पुलिस के कुछ लोग काम कर रहे थे। हाईकोर्ट के फैसले से यह स्पष्ट हो गया कि विमल नेगी की प्रताड़ना के आरोप सत्य हैं। अब विमल नेगी के परिवार को न्याय मिलकर रहेगा और सब भ्रष्टाचारी सलाखों के पीछे होंगे।