देर रात नैनीताल हाईवे पर भीषण सड़क हादसा,कार डंपर से टकराई 8 बराती जिंदा जले, राख के ढेर में बदले शव टुकड़ों में निकाले पड़े।

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देर रात नैनीताल हाईवे पर भीषण सड़क हादसा,कार डंपर से टकराई 8 बराती जिंदा जले, राख के ढेर में बदले शव
टुकड़ों में निकाले पड़े।

बरेली/भोजीपुरा

भोजीपुरा क्षेत्र में नैनीताल हाईवे पर शनिवार देर रात भीषण हादसा हो गया। भोजीपुरा थाने से कुछ दूरी पर डंपर से टकराने के बाद एक कार में आग गई, जिससे उसमें सवार सभी आठ बरातियों की मौत हो गई। रात करीब ढाई बजे सभी मृतकों की पहचान हो पाई।
कार सवार लोग बरेली शहर में आयोजित शादी समारोह में शामिल होकर बहेड़ी लौट रहे थे। फायर ब्रिगेड ने आग बुझाकर कार से शवों को बाहर निकाला। उधर, हादसे की खबर मिलते ही शादी का जश्न गम में बदल गया। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

बरेली के भोजीपुरा में नैनीताल हाईवे पर डंपर से टकराने के बाद कार में आग लगी तो उसका सेंट्रल लॉक भी फंस गया। डंपर में फंसी कार धू-धू कर जलती रही। किसी को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला। कार के अंदर लोग जिंदगी के लिए छटपटाते रहे। लपटें शांत हुईं तो आठ जिंदगियां राख के ढेर में तब्दील हो चुकी थीं।

कार की रफ्तार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह करीब पांच फुट ऊंचे डिवाइडर पर चढ़कर दूसरी ओर विपरीत दिशा से आ रहे डंपर में जा घुसी। डंपर भी लगभग इतनी ही तेज रफ्तार में था। वह कार को खींचकर 25 मीटर आगे तक ले गया। इस दौरान कार में आग लगी और वह डंपर में फंसकर रह गई।
प्राथमिक जांच में पता लगा है कि घटना के दौरान कार में लगा सेंट्रल लॉक नहीं खुला। इससे कार सवार अंदर ही फंसकर रह गए। अधिकतर लोग गर्म कपड़े पहने हुए थे। इस वजह से लपटों ने उनको बुरी तरह चपेट में ले लिया और उनकी चीखें भी अंदर ही घुटकर रह गईं। दमकल पानी की बौछार करती रही।

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करीब 45 मिनट बाद आग पर काबू पाया जा सका। तब तक सभी की मौत हो चुकी थी। कार से शवों को निकालना मुश्किल हो गया था। रात एक बजे उनके शवों को निकाला जा सका। अधिकतर शव राख में तब्दील हो चुके थे। उनमें से कुछ को टुकड़ों में निकालना पड़ा।

राहगीरों ने दी पुलिस को सूचना, ठंड में नहीं आए ग्रामीण-
रात में जिस वक्त घटना हुई, तब तक घटनास्थल से 200 मीटर दूर दभौरा गांव के ग्रामीण सो चुके थे। ठंड के मौसम में इस घटना के बारे में उन्हें काफी देर तक जानकारी ही नहीं हो सकी।

लोगों का मानना है कि ग्रामीण समय पर जागे होते तो हादसे की भयावहता कम हो सकती थी और कुछ लोगों को बचाया जा सकता था। कार से ऊंची लपटें उठती देखकर दूसरे वाहनों के चालकों ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस और दमकल मदद के लिए पहुंच सकीं पर तब तक देर हो चुकी थी।


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