ऐतिहासिक दिन:5 अगस्त- 370 हटी, राम मंदिर की आधारशिला रखी, ऐतिहासिक है ये तारीख
साल 2019 और 2020 में 5 अगस्त को 2 ऐतिहासिक घटनाएं भारत के इतिहास में दर्ज हुईं. 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया गया तो अगले साल अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी गई. एक घटना ने देश को एकजुट किया तो वहीं दूसरी ने देश की सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान दी.
5 अगस्त, ये तारीख भारत के इतिहास में बेहद महत्वपूर्ण है. पांच साल पहले साल 2019 में मोदी सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रभाव को खत्म कर दिया था. इसे बेहद ऐतिहासिक कहा गया. वहीं अगले साल 2020 में भी 5 अगस्त की तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई. इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 492 साल से चले आ रहे राम मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का भूमि पूजन किया था.
साल 2019 में 5 अगस्त वो ऐतिहासिक तारीख है जिस दिन मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को खत्म कर दिया था. साथ ही राज्य को दो हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था. वहीं दोनों को केंद्र शासित राज्य बना दिया था. सरकार का यह फैसला कश्मीर घाटी में बढ़ रहे अलगाववाद और आतंकवाद पर बहुत कड़ा प्रहार था. इसकी चोट से पाकिस्तान भी बौखला रहा था.
*आतंकवाद भी एक बड़ी समस्या*
बता दें कि धारा 370 भारत सरकार के किसी भी फैसले को जम्मू-कश्मीर में लागू होने से रोकता था. जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, यह सिर्फ कहने वाली बात थी. इसकी वजह से कश्मीर घाटी के कुछ परिवार मालामाल हो रहे थे. वहीं घाटी में अलगाव चरम पर था. इसकी वजह से आतंकवाद भी एक बड़ी समस्या बना हुआ था. हालांकि, धारा 370 को हटाने के दौरान संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. लेकिन इसके बावजूद भी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसे सदन में रखा था.
*राम मंदिर की रखी गई आधारशिला*
साल 2020 में 5 अगस्त को श्रीराम मंदिर की आधारशिला की ऐतिहासिक घटना घटी. बड़ी बात यह है कि इस शुभ घड़ी का इंतजार हिन्दू समाज पिछले 491 वर्ष से कर रहा था. इसके लिए लगातार संघर्ष चला और पता नहीं कितने लोगों ने कुर्बानी दी. वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की आधार शिला रखी.
500 साल का इंतजार हुआ खत्म
जानकारी के मुताबिक 21 मार्च 1528 को मुगल आक्रांता बाबर के आदेश पर उसके सिपहसलार मीर बाकी ने राम मंदिर को ध्वस्त कर दिया था. फिर उस जगह पर एक ढांचा खड़ा कर दिया था. जिसे बाद में बाबरी मस्जिद भी कहा गया. हालांकि उस ढांचे को 6 दिसंबर 1992 को गिरा दिया गया था. इसके बाद कई सालों तक कोर्ट में केस चला और फैसला हिंदू समाज के पक्ष में आया.