HALDWANI:- राज्य पशु कल्याण बोर्ड देहरादून ने वर्षा ऋतु में विशेष निराश्रित जीवों के लिए सुरक्षा और निराश्रित जीवों के अश्रेय के आदेश दिये
प्रथम बिष्ट एवं दीपक जोशी (एडवोकेट)ने मौसम अलर्ट के समय जीवों से भेदभाव करने पे बताया कि जब मौसम अलर्ट की सूचना आती हैं जीवों के लिए समय और भी कठिन हो जाता हैं ऐसे में इनके बारे में सोचने वाले बहुत कम लोग हैं जो परिपूर्ण नहीं हैं जिसके सरकार को उचित कदम उठाने चाइए !
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भारत के संविधान, 1956 के अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों को दिए गए जीवन के अधिकार को रेखांकित किया था। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने आगे दोहराया है कि मनुष्यों की तरह, जानवरों को भी जीने का अधिकार है गरिमा और सम्मान के साथ जीवन जीने के अधिकार और गैरकानूनी कृत्यों से सुरक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता।
जानवरों के जीवन और सम्मान के साथ जीवन के मौलिक अधिकारों के अलावा, जंगल, झीलों, नदियों और वन्यजीवों सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करना और जीवित प्राणियों के प्रति दया रखना भी प्रत्येक नागरिक का मौलिक कर्तव्य है। भारत के संविधान, 1950 के अनुच्छेद 51ए(जी) के तहत संवैधानिक जनादेश।
प्रथम बिष्ट एवं दीपक जोशी की शिकायत और सुझाव पे राज्य पशु कल्याण बोर्ड देहरादून ने वर्षा ऋतु में विशेष निराश्रित जीवों के लिए सुरक्षा और निराश्रित जीवों के अश्रेय के सायुज्य निदेशक कार्यवाही के आदेश दिये