जब नया वाहन एजेंसी से लेकर आते हैं तो रोड टैक्स के साथ इंश्योरेंस भी जरूरी होता है, लेकिन बीमा अवधि खत्म होने के बाद वाहन स्वामी रुपये बचाने की कोशिश में दोबारा नहीं कराते। चार पहिया वाहन के केस में तो ऐसा कम देखने को मिलता है लेकिन दोपहिया वाहनों के मामलों में यह आम बात है। अब ऐसे वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी की 20 जनवरी काे हुई बैठक में यह मुद्दा उठा था। चर्चा के बाद कई निर्णय लिए गए। अब बिना बीमा चलने वाले वाहन के मालिक को मोटर वाहन अधिनियम एमवी एक्ट की धारा 196 के तहत अपराधी माना जाएगा। ऐसे केस में सजा तक का प्रावधान है। पहली बार वाहन बिना बीमा के पकड़ा गया तो तीन माह की जेल और 2000 रुपये का जुर्माना लगेगा। कभी-कभी ये दोनों यानी सजा व जुर्माना लागू किया जाएगा। दूसरी गलती पर सजा बढ़ाई जा सकती है और जुर्माना भी। बैठक के निर्णयों को अब देश भर में लागू करने का आदेश आया तो उत्तराखंड के सभी जनपदों में इसकी समीक्षा का निर्देश दिए गए। कुमाऊं संभाग के सभी जनपदों में भी यह लागू होगा।
आदेश आने के बाद रामनगर, हल्द्वानी, यूएसनगर, काशीपुर के परिवहन अधिकारियों को अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। जो भी वाहन सड़क पर चलेगा उसका बीमा जरूरी है। थर्ड पार्टी बीमा अनिवार्य है। कोई वाहन बिना बीमा मिला तो ऐसे मालिक को तीन माह तक की सजा या 2000 जुर्माना का प्रावधान अधिनियम में है। -संदीप सैनी, संभागीय परिवहन अधिकारी