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अयोध्या: पहले ही एकजुट हो जाते तो न होती गुलामी,जो 500 सालों में नहीं हुआ वह 2 साल में हो गया – सीएम योगी

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यूपी में विधानसभा की नौ सीटों पर उप चुनाव के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को अयोध्या पहुंचे। उन्होंने सुग्रीव किला में श्रीराजगोपुरम द्वार का अनावरण किया। यहां आयोजित संत सम्मेलन में अयोध्यावासियाें को एकजुटता का संदेश देते हुए कहा कि पूरा समाज एक भाव और एक साथ लड़ाई लड़ता है, तब सफलता मिलती है। देखिए, एक भाव की सरकार केंद्र और राज्य में आई तो जो 500 साल में नहीं हुआ, वह 2 साल में हो गया। 500 साल पहले भी ऐसी ही एकता का परिचय दिया होता तो गुलामी का मुंह न देखना पड़ता।

सीएम ने कहा कि चंद मुट्ठी भर लोग, उनके पास बुद्धि, धन और भौतिक बल नहीं था। तब भी वह हम पर हमला करने में सफल हुए। हमें गुलाम बनाने में सफल हुए। अपमान झेलने को हम मजबूर हो गए। धर्म हमें सद्मार्ग पर चलने के लिए कहता है। मगर समाज को सही दिशा में लेकर जाने की हमारी जिम्मेदारी है। इसीलिए मैं कहता हूं कि इतिहास की गलती रोकने के लिए हमें ही प्रयास करना है।
सनातन का संकल्प था, 500 वर्षों में ढांचा समाप्त हो, रामलला का मंदिर बन सके। पूज्य संतों का जो भाव था, एक काज के लिए सबने खुद को समर्पित किया। उन्होंने कहा- यह अहो भाग्य है, जिस कार्य के लिए पीढ़ियां समर्पित हुई, उसे हम अपने सामने होता हुआ देख रहे हैं। आज की अयोध्या में सिर्फ अध्यात्म का वातावरण है। यह दुनिया सबसे सुंदर नगरी बनने की राह पर है। यह जो भव्य स्वरूप दिख रहा है। अयोध्या वासियों का दायित्व है कि वह अयोध्या का ऐसा ही स्वरूप बनाए रखें।
दुनिया हमें कमजोर नहीं कर सकती 
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी स्मृतियां हमें समाज को सही दिशा में आगे बढ़ाने की प्रेरणा देती हैं। जब भी हम एकता का परिचय देंगे, तो दुनिया की कोई ताकत हमें कमजोर नहीं कर सकेगी। मुख्यमंत्री ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण को पीढ़ियों के संघर्ष का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि 500 साल का लंबा इंतजार समाप्त हुआ है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में रामलला को उनके भव्य मंदिर में विराजमान करने का सपना पूरा हुआ है। उन्होंने सनातन धर्मावलंबियों की एकता को इस सफलता का आधार बताया।
संचालन जगद्गुरु हरिनारायणाचार्य ने किया। सुग्रीव किला पीठाधीश्वर विश्वेशप्रपन्नाचार्य ने सीएम योगी आदित्यनाथ का अभिनंदन किया। अध्यक्षता जगद्गुरु परमहंस श्रीरंगम ने की। सम्मेलन में जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य, जगद्गुरु अनंताचार्य, जगद्गुरु परमहंसाचार्य, महंत धर्मदास, महंत विवेक आचारी, महंत रामलखन दास, महंत रामकुमार दास, महंत जयरामदास, ज्ञानी गुरुजीत सिंह, महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, विधायक वेदप्रकाश गुप्ता, विधायक रामचंद्र यादव, जिलाध्यक्ष संजीव सिंह, पुजारी रमेश दास सहित अन्य मौजूद रहे।

बिखराव करने वाले तत्वों को अलग करना होगा

मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में धर्म और समाज को कमजोर करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कोई भी समस्या जो समाज और राष्ट्र को कमजोर करती हो, हमें उससे खुद को अलग करना होगा। समाज में बिखराव करने वाले तत्वों को बेनकाब कर समाज से अलग-थलग करना धर्म का कार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा, आज अयोध्या में कई आश्रम हैं, वहां सनातनी वातावरण है। दुनिया में कहीं भी अगर सनातन को अपमान झेलना पड़ा, तो वहां कोई न कोई कमी जरूर रही। कोई भी सभ्य व्यवस्था, अपनी गलतियों का परिमार्जन जितनी जल्दी कर ले, वह उतना अच्छा है। समाज में कोई कमी है, फूट पड़ रही है, मतभेद हो रहे हैं, तो समय रहते उसका इलाज जरूरी है, नहीं तो वह कैंसर बन जाता है।

देवरहा बाबा से भी रहा है सुग्रीव किला का संबंध
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुग्रीव किला का संबंध देवरहा बाबा से भी रहा है। उन्होंने बताया कि यह स्थल श्रीराम के वनवास काल से जुड़ा है, जब भरत जी ने इसे श्रीराम के निवास के लिए तैयार किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले इस किले तक पहुंचने का मार्ग संकरा था, लेकिन अब इसे चौड़ा और सुगम बना दिया गया है। उन्होंने इसे अयोध्या के विकास की एक महत्वपूर्ण कड़ी बताया। योगी ने कहा कि अयोध्या अब न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक वातावरण का केंद्र है, बल्कि विश्व की सबसे सुंदर नगरी के रूप में भी विकसित हो रही है।

अयोध्या को श्रीराम के आदर्शों वाली नगरी बनाना होगा
योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के विकास की योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि यहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन चुका है, जो अयोध्या को वैश्विक स्तर पर जोड़ने में मदद करेगा। उन्होंने अयोध्या को विश्व की सबसे सुंदर नगरी बनाने का संकल्प दोहराया और इसे अयोध्यावासियों की जिम्मेदारी बताया कि इस धरोहर को सुरक्षित और संरक्षित रखें। मुख्यमंत्री ने अयोध्या के विकास के साथ अन्य धार्मिक स्थलों के कायाकल्प की भी बात कही। उन्होंने कहा कि संतों के मार्गदर्शन में अयोध्या को श्रीराम के आदर्शों वाली नगरी के रूप में विकसित किया जाएगा। जगद्गुरु पुरुषोत्तमाचार्य के योगदान का भी उल्लेख करते हुए सीएम ने उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त की।

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