गोल्डी बराड़:- केंद्रीय गृह मंत्रालय की बड़ी कार्यवाही,गैंगस्टर गोल्डी बराड़ को किया आतंकी घोषित ।

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गोल्डी बराड़:- केंद्रीय गृह मंत्रालय की बड़ी कार्यवाही,गैंगस्टर गोल्डी बराड़ को किया आतंकी घोषित ।

गैंगस्टर गोल्डी बराड़ को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को आतंकी घोषित कर दिया है। इससे पहले लखबीर सिंह लंडा को भी केंद्र सरकार आतंकी घोषित कर चुकी है। ये दोनों कनाडा में छिपे हैं। पंजाब में रंगदारी और सीमा पार से हथियार व नशे की तस्करी में भी शामिल हैं। गोल्डी बराड़ कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का खास साथी है। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद गोल्डी बराड़ ने ही जिम्मेदारी सोशल मीडिया पर ली थी। ब्रैम्पटन में छिपा गोल्डी बराड़ प्रतिबंधित आतंकवादी समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल से भी जुड़ा है।

गोल्डी का असली नाम सतविंदर सिंह
गोल्डी बराड़ का असली नाम सतविंदर सिंह है। 1994 में पंजाब के मुक्तसर साहिब जिले में उसका जन्म हुआ। गोल्डी बराड़ के पिता पंजाब पुलिस से रिटायर्ड उप निरीक्षक हैं।

रेड कॉर्नर नोटिस भी हो चुका जारी-
पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का आरोपी बराड़ कनाडा में छिपा है। बराड़ लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का है और उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और हथियारों की तस्करी जैसे लगभग 13 मामले दर्ज हैं। उसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी कर चुका है। सितंबर महीने में गोल्डी बराड़ के ठिकानों पर पुलिस ने छापेमारी की थी। वहीं राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी बराड़ के जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है।

लखबीर सिंह लंडा भी आतंकी घोषित-
गोल्डी बराड़ से पहले 30 दिसंबर यानी शनिवार को केंद्र सरकार ने लखबीर सिंह लंडा को आतंकी घोषित किया था। आतंकी लखबीर सिंह लंडा पंजाब में आरपीजी हमले का मास्टरमाइंड है। इससे पहले एनआईए 15 लाख रुपये का इनाम लंडा के खिलाफ घोषित कर चुकी है। पंजाब के तरनतारन जिले के हरिके गांव का रहने वाला लखबीर फिलहाल कनाडा में छिपा है।
एनआईए ने उसके खिलाफ पिछले साल 20 अगस्त को आईपीसी की धारा 120बी, 121, 121ए और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) 1967 की धारा 17, 18, 18-बी और 38 के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने का मामला दर्ज किया था।

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लखबीर सिंह लंडा 2017 में हत्या, हत्या के प्रयास और एनडीपीएस में नामजद होने के बाद कनाडा भाग गया था। 2021 में अमृतसर के पट्टी में दो अकाली कार्यकर्ताओं की हत्या में उसका नाम आया था। पंजाब के मोहाली और तरनतारन में आरपीजी अटैक का लखबीर मास्टरमाइंड है।


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