दिसंबर 2019 में चीन से खतरनाक कोरोनावायरस तेजी से बढ़ने लगा और देखते ही देखते इसने पूरी दुनिया में महामारी का रूप ले लिया। साल 2020-21 में कोरोना की लहर के चलते लॉकडाउन, स्कूल और ऑफिस बंद जैसी स्थितियों के चलते जीवन थम सा गया था। मौजूदा समय में बात करें तो देखने को मिलता है कोरोनावायरस बहुत हल्का पड़ गया है हालांकि इसमें होने वाले म्यूटेशन के चलते समय-समय पर छोटी-छोटी लहरें देखी जाती रही हैं।
अब लोगों के मन में सवाल ये है कि क्या फिर से कोरोना जैसी खतरनाक महामारी दस्तक दे रही है?
जापान में बिगड़ रहे हैं हालात
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जापान में हर साल फ्लू का खतरा देखा जाता रहा है। हालांकि इस बार फ्लू के मामले करीब पांच सप्ताह पहले से बढ़ने लगे हैं जिसके चलते हालात इतने बिगड़े हैं। हाल के दिनों में जिस तरह से स्थिति बिगड़ी है इसके चलते कई जगहों पर स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा है, अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है और हेल्थ सिस्टम पर दबाव बढ़ने लगा है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल फ्लू की लहर न केवल जल्दी आई है, बल्कि असामान्य रूप से आक्रामक भी है। होक्काइडो के स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की प्रोफेसर योको त्सुकामोटो के हवाले से कहा गया, बदलते वैश्विक परिवेश में यह एक आम स्थिति बन सकती है। लोगों को व्यावहारिक सावधानियां बरतनी चाहिए, टीका लगवाना चाहिए, नियमित रूप से हाथ धोने चाहिए और संक्रमण से बचाव के उपाय करने चाहिए।”
त्सुकामोटो ने चेतावनी दी कि वैश्विक यात्राएं वायरस के प्रसार को बढ़ाने वाली हो सकती हैं। जापान में शुरुआती उछाल दुनिया के अन्य हिस्सों में उभर रहे पैटर्न को दर्शाता है, जिससे संकेत मिलता है कि इन्फ्लूएंजा के नए वैरिएंट्स अब ज्यादा प्रभावी ढंग से फैल रहे हैं और इसके लिए अब तक किए जाने उपाय भी ज्यादा प्रभावी साबित नहीं हो रहे हैं।
बचाव और वैक्सीनेशन की सलाह
स्वास्थ्य अधिकारी और वैज्ञानिक फ्लू संक्रमण में देखी गई इस वृद्धि के पीछे कई कारकों का संकेत देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद के दौर में बड़े पैमाने पर पर्यटन बढ़ा है जिसने सीमाओं के पार लोगों और उनके माध्यम से वायरस की आवाजाही को तेज कर दिया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि स्वस्थ लोगों के लिए, फ्लू ज्यादा खतरनाक नहीं होना चाहिए, हालांकि नए वैरिएंट्स के कारण इन्हें भी सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। छोटे बच्चों, बुज़ुर्गों और किसी भी गंभीर स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को फ्लू का टीका लगवाने की सलाह दी गई है ताकि हम बड़ी आबादी को इस प्रकोप से बचाए रख सकें।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने किया अलर्ट
स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा, अब तक ये स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है कि हम जापान में फ्लू का जो स्ट्रेन देख रहे हैं, वह दूसरे देशों जैसा ही है, इसलिए जापान की यात्रा से पहले टीका लगवाना कारगर होगा या नहीं, इसे भी विश्वास के साथ नहीं कहा जा सकता है।जोखिमों को ध्यान में रखते हुए अगर आप जापान आ रहे हैं तो सावधानियों का विशेष ध्यान रखें। मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिग और हाथों की स्वच्छता जैसे उपाय सभी के लिए बहुत जरूरी हैं।
भारत में भी फ्लू का देखा गया प्रकोप
गौरतलब है कि हाल के वर्षों में सामान्य इंफ्लूएंजा वायरस में कुछ नए म्यूटेशन नोटिस किए गए हैं, जिसके कारण अब फ्लू के कारण लोगों को पहले की तुलना में गंभीर जटिलताएं हो रही हैं।
भारत में भी म्यूटेटेड फ्लू का प्रकोप देखा गया है। राजधानी दिल्ली-एनसीआर में अगस्त-सितंबर में H3N2 वायरस के संक्रमण का प्रकोप देखा गया था। ये वायरस कितनी तेजी से बढ़ा इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि सर्वेक्षण में पाया गया कि दिल्ली-एनसीआर के लगभग 70% घरों में एक या उससे अधिक लोग फ्लू/वायरल बुखार के लक्षणों का अनुभव कर रहे थे। H3N2 वायरस भी फ्लू वायरस का ही एक रूप है जिसका असर अब भी दिल्ली में देखा जा रहा है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।







