आपातकाल की वर्षगाँठ: राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा- ‘कांग्रेस की नीयत आज भी तानाशाही वाली’

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पातकाल के 50 साल पूरे होने पर भाजपा संविधान हत्या दिवस मना रही है। इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कांग्रेस पर तंज कसा है। नड्डा ने कहा कि 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति का बहाना बनाकर भारत पर आपातकाल थोपा और देश के संविधान की हत्या कर दी थी। 50 वर्ष बाद भी कांग्रेस उसी मानसिकता के साथ चल रही है। उसकी नीयत आज भी तानाशाही वाली है।

 

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि देश पर शासन करने का अधिकार केवल एक परिवार को है। कांग्रेस अभी भी नरेंद्र मोदी जैसे साधारण पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाने के विचार को स्वीकार नहीं कर पा रही है।

 

जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्षी पार्टी ने अभी तक आपातकाल के लिए माफी नहीं मांगी है। आपातकाल जून 1975 से मार्च 1977 के बीच का 21 महीने का काल था, जिसके दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया था, प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी थी और नागरिक स्वतंत्रता को निलंबित कर दिया था।

नड्डा ने दावा किया कि कांग्रेस शासित राज्यों में कानून-व्यवस्था की स्थिति आपातकाल जैसी ही बनी हुई है। यहां असहमति का दमन, धार्मिक तुष्टिकरण और सत्ता का अहंकार व्याप्त है। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने नेताओं को कुछ पत्रकारों के कार्यक्रमों में शामिल होने से रोक दिया। जब वह सत्ता में होती है तो पत्रकारों के खिलाफ मामले दर्ज करती है और विपक्ष में होने पर उनका बहिष्कार करती है।

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आपातकाल में विपक्षी नेताओं को जेल भेजे जाने को याद करते हुए नड्डा ने कहा कि मोदी ने आरएसएस पदाधिकारी के रूप में तब सरकार की अवहेलना की थी और कांग्रेस की ज्यादतियों के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाई थी। आपातकाल और उसके परिणामों की स्मृति को जीवित रखना आवश्यक है। इंदिरा गांधी ने देश को परिवारवाद और व्यक्ति पूजा की प्रयोगशाला में बदल दिया था।

नड्डा ने कहा कि आपातकाल के दौरान कांग्रेस सरकार ने न्यायमूर्ति एचआर खन्ना जैसे ईमानदार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को दंडित किया था, जिन्हें भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद के लिए वरीयता दी गई थी, क्योंकि उन्होंने सरकार के खिलाफ आदेश दिया था। उन्होंने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र में एक काला अध्याय है क्योंकि संविधान की हत्या की गई। नड्डा ने लोगों से द इमरजेंसी डायरीज पुस्तक पढ़ने का भी आग्रह किया। इस पुस्तक में आपातकाल से लड़ने में मोदी की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है।


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