दक्षिण-पूर्व एशिया में शुक्रवार को आए दो तेज भूकंप के झटकों से जमकर तबाही हुई। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में कई इमारतें हिल गईं। इस दौरान एक निर्माणाधीन ऊंची इमारत देखते ही देखते धराशायी हो गई। बैंकॉक में ऊंची-ऊंची छतों वाले पूलों से पानी बहकर सड़कों पर आ गया और कई इमारतों से मलबा गिरने लगा। इसके अलावा शहर के साथ-साथ पड़ोसी म्यांमार में भी लोग दहशत में देखे गए। प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और जर्मनी के जीएफजेड भूविज्ञान केंद्र ने बताया कि दोपहर के भूकंप का केंद्र म्यांमार में 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई में था।
इमारत ढहने से कम से कम तीन लोगों की मौत
भूकंप के बाद ढही इमारत के मलबे में तीन लोग मृत पाए गए हैं। कई अन्य लोग अभी भी दबे हुए हैं। एक बचावकर्मी सोंगवुत वांगपोन ने बताया कि मलबे के ऊंचे ढेर के पास सात अन्य लोग जीवित पाए गए हैं। थाईलैंड के उपप्रधानमंत्री ने फुमथाम वेचायाचाई ने भी हालात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैंकॉक में 30 मंजिला निर्माणाधीन टावर के ढह जाने से कम से कम तीन श्रमिकों की मौत हो गई। इमारत ढहने के बाद मलबे में 81 लोग फंसे हुए हैं।

प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा ने भूकंप के प्रभाव का आकलन करने के लिए आपातकालीन बैठक बुलाई है। ग्रेटर बैंकॉक इलाके में 1.7 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं। यहां कई ऊंची इमारते हैं।
थाईलैंड के आपदा निवारण विभाग ने कहा कि भूकंप देश के लगभग सभी इलाके में महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र मध्य म्यांमार में था, जो मोनीवा शहर से लगभग 50 किलोमीटर (30 मील) पूर्व में था। राजधानी नेपीता में भूकंप से धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचा। धार्मिक इमारतों के कुछ हिस्से जमीन पर गिर गए और कुछ घर भी क्षतिग्रस्त हुए। म्यांमार से नुकसान की रिपोर्ट अब तक उपलब्ध नहीं हो सकी है, क्योंकि वहां गृहयुद्ध चल रहा है।