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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर बुधवार को मेरठ में ऐतिहासिक बंद का ऐलान किया गया। सुबह से ही शहर के प्रमुख बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। खैरनगर, बुढ़ाना गेट, बेगमपुल, दिल्ली रोड, गढ़ रोड और बच्चा पार्क समेत कई इलाकों में दुकानों के शटर नहीं खुले।
वहीं कचहरी के गेट पर वकील सुबह से ही धरने पर बैठ गए। मेरठ बंद को शामली, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर समेत 22 जिलों से समर्थन मिला है। मेरठ में सपा नेता अतुल प्रधान ने बंद को समर्थन दिया और व्यपारियों व अधिवक्ताओं के बीच पहुंचे। सपा नेता शाहिद मंजूर भी मौके पर मौजूद रहे।

चिकित्सकों का भी समर्थन, ओपीडी बंद
मेरठ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी बंद को पूर्ण समर्थन दिया। आईएमए अध्यक्ष डॉ. मनीषा त्यागी और सचिव डॉ. विकास गुप्ता ने बताया कि बुधवार को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक चिकित्सक ओपीडी सेवाएं नहीं देंगे। हालांकि, मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह बहाल रखी गईं।
वकीलों की टीमें निकलीं मैदान में
बंद को सफल बनाने के लिए जिला बार एसोसिएशन और मेरठ बार एसोसिएशन की टीम सुबह 6 से 6:30 बजे के बीच कचहरी से शहर के विभिन्न इलाकों में निकली।

मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा, महामंत्री राजेंद्र सिंह राणा, जिला बार अध्यक्ष राजीव त्यागी और महामंत्री अमित कुमार राणा ने अधिवक्ताओं के साथ जनसंपर्क किया। वहीं बड़ी संख्या में महिला व पुरुष अधिवक्ता कचहरी के गेट पर पहुंचे और तालाबंदी कर धरना प्रदर्शन किया।
40 से अधिक टीमों ने किया जनजागरण
करीब 40 से अधिक टीमों ने शहर के अलग-अलग हिस्सों में जाकर व्यापारियों और आमजन से बंद का समर्थन करने की अपील की। इस दौरान आनंद कश्यप, रविंद्र कुमार, देवकीनंदन शर्मा, पूर्व महामंत्री आशीष चौरसिया, सचिन त्यागी समेत कई अधिवक्ता मौजूद रहे।
बाजारों में पसरा सन्नाटा
सुबह 9:30 बजे तक खैरनगर, सुमित बुढ़ाना गेट, जिमखाना मैदान समेत कई इलाकों में दुकानों के शटरों पर ताले लटके रहे। सड़कों पर आम दिनों की तुलना में आवाजाही कम दिखाई दी और बाजारों की रौनक पूरी तरह फीकी नजर आई। शराब की दुकानों पर भी ताले लटके दिखे। वहीं शहर में ऑटा व ई रिक्शा की संख्या में भी आम दिनों की अपेक्षा काफी कम नजर आई।