दिल्ली-एनसीआर में दमघोंटू हवा से परेशानी को कोहरे और ठंड ने और बढ़ा दिया है। मंगलवार सुबह की धुंध और कोहरा दिखाई दिया। वहीं, स्मॉग की मोटी चादर भी दिखाई दी। इस कारण कई इलाकों में दृश्यता भी बेहद कम रही। वहीं, एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम फॉर दिल्ली के अनुसार, मंगलवार सुबह राजधानी का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 381 दर्ज किया गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सुबह सात बजे को आंकड़ों के अनुसार, राजधानी दिल्ली के अलीपुर में एक्यूआई 377, आनंद विहार में एक्यूआई 406, अशोक विहार में 410, आया नगर में 339, बवाना में 403, बुराड़ी में 376, चांदनी चौक इलाके में 438 एक्यूआई दर्ज किया गया है।
वहीं, डीटीयू में 425, द्वारका सेक्टर 8 में 391, आईजीआई एयरपोर्ट टी3 इलाके में 323, आईटीओ में 402, जहांगीरपुरी में 426, लोधी रोड 341, मुंडका 426, नजफगढ़ में 348, पंजाबी बाग में 405, रोहिणी 356, विवेक विहार 411, सोनिया विहार 393, आरकेपुरम 397, वजीरपुर में 426 दर्ज किया गया है।
कल ऐसी रही राजधानी की स्थिति
सोमवार को लगातार तीसरे दिन हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई। सुबह की शुरुआत धुंध और कोहरे से हुई। वहीं, पूरे दिन आसमान में स्मॉग की मोटी चादर भी दिखाई दी। इस कारण कई इलाकों में दृश्यता भी बेहद कम रही। ऐसे में जहरीली गैस से बचने के लिए लोगों ने एन95 मास्क का सहारा लेते नजर आए। इससे लोगों को आंख में जलन व सांस के मरीजों को परेशानी हुई। इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 427 दर्ज किया गया। यह हवा की गंभीर श्रेणी है। इसमें रविवार की तुलना में 34 सूचकांक की गिरावट दर्ज की गई।
दूसरी ओर, एनसीआर में ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही। यहां एक्यूआई 447 दर्ज किया गया, यह हवा की गंभीर श्रेणी है। वहीं, गाजियाबाद में 444, नोएडा में 437 और गुरुग्राम में 345 एक्यूआई दर्ज किया गया। फरीदाबाद की हवा सबसे साफ रही। यहां सूचकांक 211 दर्ज किया गया। यह हवा की खराब श्रेणी है।
दिल्ली में इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश हुई
दिल्ली के लोग 14 अक्तूबर के बाद से ही प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं। मई, जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर के महीने दिल्ली में इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश हुई थी।इस कारण हवा भी काफी साफ रही थी, लेकिन मॉनसून की वापसी के बाद से ही प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा। दिल्ली-एनसीआर की हवा में पीएम 10 का स्तर रविवार की शाम 5 बजे 449.2 और पीएम 2.5 का औसत स्तर 297.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर पहुंच गया था। यानी दिल्ली-एनसीआर की हवा में मानकों से लगभग साढ़े चार गुना ज्यादा प्रदूषण मौजूद है।
वायु प्रदूषण आपको कैसे करता है प्रभावित
हवा में मौजूद प्रदूषकों को लंबे समय तक सांस के जरिए लेने से कोशिकाओं में सूजन, ऑक्सीडेटिव तनाव, इम्यूनसप्रेशन और म्यूटाजेनिसिटी होती है, जो फेफड़े, हृदय और मस्तिष्क सहित अन्य अंगों को प्रभावित करती है। ये सूक्ष्म कण हैं, जो फेफड़ों और रक्त धारा में प्रवेश कर सकते हैं। दिल्ली की हवा में 2.5 और 10 माइक्रोन से छोटे कण मुख्य प्रदूषक हैं।
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
अध्ययनों से पता चला है कि वायु प्रदूषण से अवसाद, स्किजोफ्रेनिया, बाइपोलरडिसऑर्डर और व्यक्तित्व विकारों का जोखिम बढ़ता है।
अब इनसे दूर रहें
उच्च प्रदूषण स्तर पर बाहरी व्यायाम (पार्क में व्यायाम, आउटडोरयोगा, सड़क पर जॉगिंग) से अधिक नुकसान हो सकता है। सड़कों के पास धूल और हानिकारक गैसें सबसे अधिक होती हैं।








