देहरादून: राष्ट्रपति मुर्मू ने किया प्रेसिडेंशियल रिट्रीट का उद्धाटन, जन्मदिन पर दृष्टिबाधित बच्चों से की मुलाकात 

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को अपने 67वें जन्मदिन पर देहरादून में पुनर्निर्मित प्रेसिडेंशियल रिट्रीट का औपचारिक उद्घाटन किया और एक सुविधा केंद्र में दृष्टिबाधित बच्चों को संबोधित किया।

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू उत्तराखंड के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। शुक्रवार को उन्होंने राष्ट्रपति उद्यान की आधारशिला भी रखी, जो प्रेसिडेंशियल रिट्रीट के परिसर में 132 एकड़ का सार्वजनिक उद्यान है, जिसका नाम अब राष्ट्रपति निकेतन रखा गया है।

 

राष्ट्रपति मुर्मू ने उत्तराखंड के राज्यपाल सिंह और सीएम धामी की उपस्थिति में प्रेसिडेंशियल रिट्रीट का उद्घाटन किया। राष्ट्रपति निकेतन 1 जुलाई से आम जनता के लिए खुल जाएगा। यह शहर के बीचों-बीच वास्तुकला, इतिहास और भूदृश्य डिजाइन के अनूठे संगम का अनुभव करने का दुर्लभ अवसर प्रदान करेगा। राष्ट्रपति निकेतन को पहले राष्ट्रपति आशियाना या राष्ट्रपति निवास के नाम से जाना जाता था, इसकी समृद्ध विरासत 1838 से चली आ रही है। जब यह गवर्नर जनरल के अंगरक्षक घोड़ों के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर के रूप में काम करता था। इस साइट पर बंगला 1920 में यूनिट के कमांडेंट के लिए बनाया गया था और 1976 में इसे राष्ट्रपति निवास के रूप में नामित किया गया था।

Draupadi Murmu inaugurated Rashtrapati Niketan in Dehradun met visually impaired children on her birthday

राजपुर रोड पर स्थित 237 एकड़ में फैले इस एस्टेट में मुख्य भवन, एनेक्सी, अस्तबल, एक स्विमिंग पूल और फलते-फूलते बाग शामिल हैं। 2016 में एक बड़े नवीनीकरण में भूकंपीय रेट्रोफिटिंग और पारंपरिक जल चैनलों की बहाली शुरू की गई, जिससे इसके ऐतिहासिक सार का संरक्षण सुनिश्चित हुआ। वहीं, मुर्मू ने राष्ट्रपति तपोवन का भी उद्घाटन किया जो 24 जून से आम लोगों के लिए खुला रहेगा।

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उन्होंने राष्ट्रपति निकेतन में एक आगंतुक सुविधा केंद्र, एक कैफेटेरिया और एक स्मारिका दुकान सहित सार्वजनिक सुविधाओं का भी उद्घाटन किया।

दृष्टिबाधित बच्चों से मिलकर हुईं भावुक
राष्ट्रीय दृष्टिबाधित व्यक्तियों के सशक्तीकरण संस्थान (एनआईईपीवीडी) भी पहुंचीं। यहां उन्होंने बच्चों से मुलाकात की। इस दौरान राष्ट्रपति की आंखों में आंसू आ गए, जब उनके जन्मदिन पर दृष्टिबाधित बच्चों के एक समूह ने उनके लिए गीत गाया। राष्ट्रपति ने कहा कि “मैं अपने आंसू नहीं रोक पाई। वे बहुत खूबसूरती से गा रहे थे। वे अपने दिल से गा रहे थे।”

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