ठंड का कहर:- जनवरी रही 10 वर्षों में सबसे ज्यादा गलन भरी,3 दिन बाद से मिल सकती है थोड़ा राहत ।
उत्तर भारत में पिछले तीन सप्ताह से लगातार चल रही शीतलहर की स्थिति के बीच साल के पहले पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हुई पहली बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस बार जनवरी महीने में पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा ठंड रही है।
भारतीय विज्ञान शिक्षा व अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) मोहाली के वैज्ञानिकों ने इस ठंड के कारणों की पड़ताल की, तो पता चला कि रूस की उत्तरी सरहद पर मौजूद बर्फीले इलाके साइबेरिया से उठी शुष्क-शीत हवाओं ने उत्तर भारत में डेरा डाला है, जिससे तापमान लगातार सामान्य से कम बना हुआ है। वहीं, मौसम विभाग ने पूरे देश में फरवरी में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान जताया है। 28 जनवरी को बने पश्चिमी विक्षोभ की वजह से 31 जनवरी की दोपहर से ही उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में बारिश हो रही है। हिमाचल, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और जम्मू कश्मीर में बुधवार दोपहर से बृहस्पतिवार शाम तक लगातार रिमझिम बारिश और हिमपात की वजह से जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। मौसम विभाग के मुताबिक 4 फरवरी तक पूरे उत्तर भारत में शीत लहर की स्थिति बनी रहेगी। हालांकि, 5 तारीख के बाद मौसम साफ होने का अनुमान है।
उत्तर भारत कोहरे की चपेट में अभी कुछ दिन और रहेगा। बुधवार और बृहस्पतिवार को हुई बारिश के बाद ज्यादातर इलाकों में तापमान सामान्य से 4 डिग्री सेल्सियस नीचे तक दर्ज किया गया है। वेदर एंड क्लाइमेट एक्सट्रीम जर्नल में प्रकाशित शोध में बताया गया है कि साइबेरियाई हवाओं की घुसपैठ के साथ ही उच्च-अक्षांशीय मौसम प्रणालियों की वजह से एक वायुमंडलीय अवरोध बना हुआ है, जिसकी वजह से शीतलहर लंबी खिंच रही है। शोधकर्ता प्रोफेसर राजू अट्टाडा ने बताया कि इस वायुमंडलीय घटना से लगातार ठंडी हवा का निर्माण हो रहा है।
300 से ज्यादा उड़ानें लेट-
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बुधवार से बृहस्पतिवार के बीच में घने कोहरे व बारिश की वजह से 300 से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई। फ्लाइड रडार के मुताबिक आईजीआई से बीते 24 घंटे में 84 फीसदी उड़ानें देरी से रवाना हुई हैं, जबकि 5 फीसदी उड़ानें रद्द हुई हैं। 14 जनवरी को घने कोहरे की वजह से करीब 600 उड़ानें देरी से रवाना हुई थीं।