शनिवार तड़के जौनपुर ब्लॉक के ग्वाड़ गांव के ऊपर बादल फटने के बाद आए मलबे में दो मकान जमींदोज हो गए। एक ही परिवार के सात लोग मलबे में दब गए। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद दो शवों को मलबे से बाहर निकाला। बाकी पांच लोगों को तलाशने के लिए अभियान जारी है। घटना से गांव में कोहराम मचा हुआ है।
शनिवार तड़के करीब दो बजे कुमाल्डा क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के बाद बादल फट गया। बादल फटने के बाद पहाड़ी से आए भारी मलबे में की चपेट में आने से कई मकान और खेत बर्बाद हो गए। ग्राम पंचायत थौलागिरी के ग्वाड़ नामे तोक में भी दो मकान जमींदोज हो गए। ग्राम प्रधान अरविंद सिंह रावत ने बताया कि सुबह 6 बजे जब लोगों ने राजेंद्र सिंह और कमांद सिंह का मकान नहीं देखा तो वे दंग रह गए। रात को तेज बारिश और बिजली आपूर्ति बाधित होने से घटना का पता नहीं चल पाया। इसके बाद ग्रामीणों ने बचाव अभियान शुरू किया।
मलबे की चपेट में आने के बाद दोनों मकानों का नामोनिशां तक नहीं बचा। राजेंद्र सिंह और कमांद सिंह गांव में ही खेती-बाड़ी और मेहनत-मजदूरी करते थे। प्रधान अरविंद सिंह रावत ने बताया कि राजेंद्र सिंह के दो बच्चे हैं। बेटी अंशिका (11) और पुत्र सिद्धार्थ (9) रायपुर में मौसी के साथ रहकर पढ़ाई करते हैं। दोनों घर ग्वाड़ गांव के पांच-छह अन्य परिवारों से सात-आठ सौ मीटर दूरी पर थे। रात को मूसलाधार बारिश होने और बादल फटने के कारण लोगों का घटना का पता नहीं चला। सुबह वहां का मंजर देखा तो सभी की आंखें फटी रह गईं। दो परिवारों की खुशियां को एक ही पल में ग्रहण लग गया।