छठ महापर्व हर जिले में धूमधाम से मनाया जा रहा है। छठ घाटों पर खास इंतजाम किए गए हैं। पटना में 109 गंगा घाट, 65 तालाब और 46 पार्कों में महापर्व हो रहा है।
सीएम नीतीश कुमार ने अपने आवास पर दिया भगवान सूर्य को अर्घ्य
आज एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में परिवार के सदस्यों के साथ अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित कर राज्य में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ के अवसर पर प्रदेश एवं देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। लोक आस्था का यह महापर्व आत्मानुशासन का पर्व है, जिसमें लोग शुद्ध अंतःकरण और निर्मल मन से अस्ताचल और उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। महापर्व छठ के अवसर पर भगवान भास्कर से राज्य की प्रगति, सुख, शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना है।

डिप्टी सीएम ने भी दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य
डिप्टी सीएम और तारापुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी सम्राट चौधरी ने लोक आस्था और सूर्य उपासना के महापर्व छठ के पावन अवसर पर अपने पैतृक निवास तारापुर(मुंगेर) में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। उन्होंने कहा कि लोकदेव भगवान भास्कर और छठी मईया की कृपा बिहार पर बनी रहे। बिहार के विकास, उन्नति, संपन्नता के कोष को भगवान दीनानाथ भर दें।
डिप्टी सीएम और तारापुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी सम्राट चौधरी ने लोक आस्था और सूर्य उपासना के महापर्व छठ के पावन अवसर पर अपने पैतृक निवास तारापुर(मुंगेर) में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। उन्होंने कहा कि लोकदेव भगवान भास्कर और छठी मईया की कृपा बिहार पर बनी रहे। बिहार के विकास, उन्नति, संपन्नता के कोष को भगवान दीनानाथ भर दें।

बांका में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन बांका के सभी छठ घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा । नदी, तालाब और पोखरों के तट भक्ति गीतों और दीपों की रोशनी से आलोकित हो उठे। व्रतधारियों ने परिवार की सुख-समृद्धि और समाज की मंगलकामना के साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में सजधजकर पूजा अर्चना की, वहीं पुरुषों और बच्चों ने श्रद्धा भाव से सहयोग किया।
लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन बांका के सभी छठ घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा । नदी, तालाब और पोखरों के तट भक्ति गीतों और दीपों की रोशनी से आलोकित हो उठे। व्रतधारियों ने परिवार की सुख-समृद्धि और समाज की मंगलकामना के साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में सजधजकर पूजा अर्चना की, वहीं पुरुषों और बच्चों ने श्रद्धा भाव से सहयोग किया।
कटिहार में छठ घाटों पर अर्घ्य देने पहुंचे श्रद्धालु
कटिहार के विभिन्न इलाकों में श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है। गंगा, कोसी और महानंदा जैसी नदियों के तटों के साथ-साथ कई मोहल्लों, कॉलोनियों और स्कूल परिसरों में बनाए गए कृत्रिम घाटों पर भी सुंदर साज-सज्जा और रोशनी की विशेष व्यवस्था की गई है। दीपों और झालरों की चमक से पूरा शहर भक्ति के रंग में रंग गया है। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सुसज्जित होकर पूरे नियम-निष्ठा के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत निभाते हुए अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर रही हैं। छठ घाटों पर गूंजते पारंपरिक गीत माहौल को और अधिक भक्तिमय बना रहे हैं।









