चंडीगढ़ पीजीआई में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी 10 महीने के बच्चे के अंगदान और शरीर दान एक साथ किया गया हो। पीजीआई निदेशक विवेक लाल ने कहा कि यह मामला असाधारण मानवता का है जहां आप अपने दुख को सहते हुए दूसरों की जिंदगी की परवाह करते हैं।
10 महीने के बच्चे वंश के पिता टोनी बंसल ने कहा-हम अपने बच्चे को तो नहीं बचा सके लेकिन उसका छोटा सा जीवन किसी और के काम आ सके, यही हमारी इच्छा है। इसी वजह से हमने उसके अंग और शरीर को पीजीआई को दान करने का फैसला किया है।
यह कहते हुए अपने बच्चे को खो चुके संगरूर के लहरागागा निवासी टोनी बंसल और प्रेमलता की आंखों से आसू बहने लगते हैं। जानकारी के अनुसार सिर में चोट लगने के बाद वंश को गंभीर हालत में पटियाला से 18 मई को पीजीआई रेफर किया गया था।
इलाज के बावजूद दिनोंदिन वंश की हालत बिगड़ती गई। जब वंश के बचने की कोई उम्मीद नहीं बची तो उसके माता-पिता ने उसके अंगदान और शरीर दान का फैसला किया।