भरत चले चित्रकूट राम को मनाने इन्हीं उद्देश्यों के साथ आज राम नगरी अयोध्या से चित्रकूट के लिए भरत यात्रा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आश्रम मणिराम छावनी से रवाना हुईं।यात्रा की अगुवाई उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने की। करीब 300 से अधिक साधु-संतों के साथ लेकर निकले।दरअसल यहां भरत यात्रा तपोस्थली भरतकुंड सृंगी ऋषि आश्रम प्रयागराज सहित अन्य स्थानों पर भ्रमण करते हुए चित्रकूट पहुंचेगी।यात्रा की जानकारी देते हुए मणिराम दास छावनी के महंत कमलनयन दास ने बताया कि 50 वीं वर्ष से श्री भरत यात्रा का निकली जा रही है।भारत यात्रा का लक्ष्य जन जन के अंदर आपसी प्रेम पैदा करना समाज की बुराई को दूर करना कुछ और बोला समाज की व्यवस्था को दूर करना समता, समरसता स्थापित करना है। सब में आपस में प्रेम होगा।प्रेम भरत जी महाराज भगवान श्रीराम किस तरह का प्रेम का भ्रत तत्व प्रेम इसे हमें समाज में प्रकट करना है दिखाना है माता के साथ कैसा व्यवहार होना चाहिए पिता के साथ कैसा व्यवहार होना चाहिए प्रजा जनों के साथ कैसा व्यवहार होना चाहिए।ये हमें भगवान श्री राम जी के आदर्शो से प्राप्त होता है। भरत जी जिस तरह से अयोध्या जैसे राज्य को त्याग करके जो पिता के द्वारा प्रदत्त था।इस भारत यात्रा में दूर-दूर से कई प्रांतों के लोग इस यात्रा में शामिल हुए. करीब 300 लोग यात्रा में शामिल हुए. और भी सम्मिलित हो सकते हैं चित्रकूट में जब भरत मिलाप होगा वहां पर 500 लोग वहां पर मौजूद रहेंगे।बता दे कि देश में राम राज्य स्थापना के लिए पिछले 50 वर्ष से भरत यात्रा निकाली जा रही है।