राम नगरी के मुख्य प्रवेश मार्ग नया घाट चौराहे को लता मंगेशकर के नाम से बनाए जाने योजना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा स्वीकृति दिए जाने के बाद का कार्य शुरू होते ही अयोध्या कि साधु-संतों योजना का विरोध कर रहे हैं। संतों की माने तो अयोध्या सनातन नगरी है। इसलिए नया घाट चौराहे को जगद्गुरु रामानंदाचार्य के नाम से बनाया जाए।वहीं सन्तो व महंतो ने इस योजना का विरोध करते हुए बोर्ड न लगाने व उद्घाटन नही होने देने की भी चेतावनी दे दी है।दरसअल मणिराम दास छावनी में अयोध्या के प्रमुख संतों की बैठक बुलाई गई। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत ने महंत कमलनयन दास के नेतृत्व में बैठक किया गया।जिसमें तय किया गया कि जल्द ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को पत्र भेजा जाएगा।
वही इस दौरान संत महंतो ने बताया कि लता मंगेशकर चौराहे का हम लोग विरोध करते हैं हम लोग इसके विरोध में लिखित रूप से भी शिकायत दर्ज कर आएंगे और मुलाकात करके भी इसका विरोध दर्ज कराएंगे नयाघाट क्षेत्र में बन रहे चौक का निर्माण जगद्गुरु रामानंदाचार्य जी के नाम पर हो उन्होंने कहा कि इस मार्ग का भी नाम रामानंदाचार्य जी के नाम पर होना चाहिए साथ ही कहा कि शासन प्रशासन हमारी बात सुने और माने इसी के लिए बैठक की गई है हम संवैधानिक दायरे में लाकर इसका विरोध करेंगे और लता मंगेशकर के नाम पर चौक का निर्माण नहीं होने देंगे संत समाज ने कहा कि निर्माण कार्य शुरू हो चुका है इसलिए उस चौराहे का नाम लता मंगेशकर के नाम के बजाय जगद्गुरु रामानंदाचार्य के नाम पर किया जाए,वही कहा कि लता मंगेशकर भारत रत्न है उनके नाम पर चौराहे का निर्माण होना ही चाहिए परंतु अयोध्या जनपद के और किसी चौराहे पर उनके नाम पर चौराहा बनाया जाए नया घाट पर जगद्गुरु रामानंदाचार्य के नाम पर ही चौराहे का निर्माण हो।बता दें कि अयोध्या के नया घाट क्षेत्र में स्वर्गीय लता मंगेशकर चौराहे का निर्माण किया जा रहा है जिसके लिए अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी के द्वारा डिजाइन की स्वीकृति के बाद काम भी शुरू कर दिया है।