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Ayodhya Ram Mandir Inauguration:- खत्म होगा 500 सालों का इंतजार,प्रधानमंत्री मोदी करेंगे विशेष पूजा

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Ayodhya Ram Mandir Inauguration:- खत्म होगा 500 सालों का इंतजार,प्रधानमंत्री मोदी करेंगे विशेष पूजा

अयोध्या में रामलला के आगमन का इंतजार खत्म होने वाला है। आज रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा की विधि दोपहर 12:20 बजे शुरू होगी। एक बजे कार्यक्रम पूरा होगा।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले राम मंदिर में पूजा अनुष्ठानों की झलकियां देखने को मिली है। प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में आज स्थापित देवताओं का दैनिक पूजन, हवन, पारायण आदि कार्य, सुबह मध्वाधिनास, मूर्ति का 114 कलशों के विविध औषधीयुक्त जल से स्नपन, महापूजा, उत्सवमूर्ति की प्रासादपरिक्रमा, शय्याधिनास, तत्त्वन्यास, महान्यास आदिन्यास, शान्तिक-पौष्टिक – अघोर होम, व्याहृति होम, रात्रिजागरण, सायंपूजन एवं आरती हुई।
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर अभिनेता मनोज जोशी ने कहा कि जिस घड़ी का इंतजार है वो कुछ ही क्षणों में आ जाएगी। दिल की धड़कनें बढ़ गई हैं। इतना आनंद है कि वर्णन नहीं कर सकते।
जिन संघर्षों व परिस्थितयों में रामलला का नया घर बना, वह सिर्फ एक मंदिर भर रहने वाला नहीं। न्यायालय के निर्णय से सनातन धर्मावलंबियों की इच्छाओं का साकार स्वरूप लेता यह मंदिर प्रतीक होगा संघर्ष, आंदोलन, समझौते से ऊपर सांविधानिक संस्थाओं पर देशवासियों के अटूट भरोसे का। जाति व क्षेत्रवाद के मुकाबले संस्कृति के सरोकारों की शक्ति का। वसुधैव कुटुंबकम और सर्वे भवंतु सुखिन: की ताकत का। विध्वंस पर निर्माण और संहार पर सृजन की जीत का। कुछ अपवादों को छोड़ पूरा देश इस अनुष्ठान से जुड़ा है। शैव, वैष्णव, शाक्त, रामानंदी से लेकर विभिन्न अखाड़े व सिख, जैन, बौद्ध धर्माचार्य भी अयोध्या आए हैं। मुस्लिम भी उत्सुक हैं, यह महत्वपूर्ण है।

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आज सदियों की प्रतीक्षा पूरी होगी। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होते ही 22 जनवरी, 2024 इतिहास में दर्ज हो जाएगी। अयोध्या में जय-जय राम, जय सियाराम की गूंज विराम लगाएगी…मिहिर कुल, सालार मसूद, बाबर, औरंगजेब जैसे आक्रांताओं के सनातन आस्था पर हमलों और अंग्रेजों की कूटनीति से इस मुद्दे पर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच संघर्ष पर। मरहम लगाएगी इन हमलों से मिले घावों पर। सैकड़ों साल के संघर्ष से शांति मिलेगी अयोध्या को। इस अद्भुत, अद्वितीय, अलौकिक अनुष्ठान के सशरीर गवाह बनने वालों के साथ इसे देखने और इसके अनुष्ठानों से जुड़ने वाले सांस्कृतिक अनुष्ठान के संदेशवाहक बनेंगे।

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