
आखिर आजम खां को शाहजहांपुर कोर्ट में आना ही पड़ा
शाहजहांपुर-
रिपोर्टर – साजिद खान
–पेशी के बाद गेट पर आधा घण्टा आजम को रोके रखा गया
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान गबन के एक मामले में बतौर गवाह आज गुरुवार को सीजेएम कोर्ट में पेश हुए। आजम खां को कई बार कोर्ट ने नोटिस भेजा था। जिसके बाद भी जब वह अदालत में पेश नहीं हुए तो शाहजहांपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने आजम खान को गैर जमानती वारंट जारी किया था। जिस पर बतौर साक्षी अपनी गवाही पेश करने के लिए आजम खान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शाहजहांपुर की अदालत में हाजिर हुए। पेशी के बाद आजम खां कोर्ट परिसर के गेट नम्बर एक से बाहर निकल रहे थे तभी सुरक्षा कर्मी ने ताला डाल दिया। आजम खां व उनके समर्थक लगभग आधे घण्टे ताला खुलने के इंतजार में गेट पर खड़े रहे। जिसके बाद सीओ ने गेट खुलवाकर आजम को बाहर निकाला। मामला शाहजहांपुर जिले के थाना कटरा इलाके का है। दरअसल सन 1995 में आजम खां उत्तर प्रदेश सरकार में सहकारिता मंत्री थे। और 28 अप्रैल 1995 को लखनऊ से रामपुर जाते वक्त आजम खान ने अचानक थाना कटरा इलाके में एक सहकारी समिति का औचक निरीक्षण किया था। जहां पर बड़ी तादात में यूरिया खाद के स्टॉक में कमी पाई गई थी। इसको लेकर आजम खां की जांच के बाद थाना कटरा में धारा 409 की एफ आई आर दर्ज कराई गई थी। जिसमें किसान सेवा सहकारी समिति कटरा के उस समय के तत्कालीन प्रबंध निदेशक रामबाबू गुप्ता के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई थी। जो कि वर्तमान में मुकदमा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शाहजहांपुर की अदालत में लंबित है। खास बात यह भी है कि इस मुकदमे के दो गवाह राम सिंह और केदारनाथ की मौत हो चुकी है। वहीं अब एकमात्र बचे गवाह आजम खान को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शाहजहांपुर की अदालत ने कई बार नोटिस भेजा था लेकिन आजम खान शाहजहांपुर अदालत में नहीं पेश हुए थे। जिस पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शाहजहांपुर की अदालत ने आजम खान को गैर जमानती वारंट जारी कर आज 9 फरवरी को पेश होने का हुक्म दिया था।