Breaking News

चेतावनी:- तेजी से बढ़ता कैंसर “प्रोस्टेट कैंसर” आ सकती है सुनामी, 2040 तक मृत्युदर में 85% वृद्धि की आशंका ||

0 0
Spread the love

चेतावनी:- तेजी से बढ़ता कैंसर “प्रोस्टेट कैंसर” आ सकती है सुनामी, 2040 तक मृत्युदर में 85% वृद्धि की आशंका ||

वैश्विक स्तर पर कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। पुरुषों में प्रोस्टेट और लंग्स कैंसर के मामले सबसे अधिक रिपोर्ट किए जाते हैं, जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल का जोखिम सबसे अधिक होता है। इसके अलावा भी कई प्रकार के कैंसर के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जा रही है। अध्ययनों में कहा जा रहा है कि जिस तरह से समय के साथ लोगों की लाइफस्टाइल खराब होती जा रही है, तमाम प्रकार के हानिकारक रसायनों से मिश्रित आहार का हम सभी रोजाना सेवन कर रहे इसने कैंसर के खतरे को और भी बढ़ा दिया है। इसी से संबंधित एक हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बड़ी चेतावनी जारी की है।

द लैंसेट कमीशन ने तमाम अध्ययनों से जो निष्कर्ष निकाला उससे पता चलता है कि आने वाले वर्षों में प्रोस्टेट कैंसर एक बड़ा खतरा बनकर उभरने वाला है। अध्ययनकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि जिस तरह के रुझान देखे जा रहे हैं इससे पता चलता है कि दुनिया में ‘प्रोस्टेट कैंसर की सुनामी’ आने वाली है, इस कैंसर के मामलों में अपरिहार्य वैश्विक वृद्धि को लेकर आशंका जताई गई है।

इससे न सिर्फ वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य क्षेत्र पर बड़ा दबाव बढ़ेगा साथ ही कैंसर से मृत्युदर बढ़ने को लेकर भी चिंता जताई गई है।

2040 तक दो गुना बढ़ सकते हैं मामले

अध्ययन की रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने बताया कि साल 2040 तक दुनियाभर में प्रोस्टेट कैंसर के मामले दोगुने होकर 2.9 मिलियन (29 लाख) से अधिक हो सकते हैं। इसके अलावा मृत्यु के मामलों में भी 85% बढ़ोतरी की आशंका है जोकि लगभग सात लाख से अधिक मौतों का कारण बन सकती है।

और पढ़े   बजट 2024- क्या सस्ता क्या महंगा: सोना-चांदी,मोबाइल फोन,और कैंसर की दवाओं तक क्या होने जा रहा है सस्ता? देखें खबर

पेरिस में मूत्र रोग विशेषज्ञों की एक बैठक में आयोग ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम जैसे उच्च आय वाले देशों में पहले से ही इस कैंसर के मामलों में वृद्धि देखी रही है, हालांकि अब निम्न और मध्यम आय वाले देशों में भी प्रोस्टेट कैंसर के खतरे बढ़ने की आशंका है।

50 की आयु में भी हो सकता है खतरा

द लैंसेट रिपोर्ट के प्रमुख लेखक और लंदन में कैंसर अनुसंधान संस्थान में प्रोस्टेट और मूत्राशय कैंसर अनुसंधान के प्रोफेसर निक जेम्स ने कहा कि यह वृद्धि बड़े स्वास्थ्य संकट के तौर पर उभर रही है। उम्र बढ़ने के साथ पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर हो जाता है, इसके लिए कई और भी जोखिम कारक हैं। अब कम उम्र में भी प्रोस्टेट से संबंधित दिक्कतें देखी जा रही है जिसपर आमतौर पर शुरुआत में ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है जिसके बाद में गंभीर रूप लेने और कैंसर बनने का खतरा हो सकता है।

उच्च आय वाले देशों में कैंसर के मामलों में बड़ी वृद्धि हुई है। लेकिन अब हम आर्थिक रूप से कमजोर देशों में आने वाले दशकों में 50-60-70 साल के लोगों में भी इसके मामले बढ़ते हुए देख सकते हैं।

पीएसए स्क्रीनिंग को लेकर भी उठे सवाल

वैज्ञानिकों की टीम ने प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन (पीएसए) स्क्रीनिंग के दुरुपयोग को लेकर भी चिंता जताई है। न्यूयॉर्क शहर में मेमोरियल स्लोअन केटरिंग कैंसर सेंटर में डॉक्टर एंड्रयू विकर्स कहते हैं, हमने पाया कि मरीजों को पीएसए के बारे में स्वयं निर्णय लेने की सर्वव्यापी नीति सही नहीं है। पीएसए स्क्रीनिंग को लेकर फिर से विचार किए जाने की आवश्यकता है।

और पढ़े   बात जानना जरूरी है: अग्नि को सर्वभक्षी होने का क्यों मिला श्राप, राक्षस को पत्नी पुलोमा की जानकारी देने पर....

इस परीक्षण को लेकर पहले से ही बहुत विवाद रहा है। डॉक्टर्स मानते रहे हैं कि पीएसए परीक्षण अचूक नहीं हैं। यह संभव है कि जब कैंसर मौजूद न हो तो आपके पीएसए का स्तर बढ़ा हुआ हो, और जब कैंसर मौजूद हो तो यह उस स्तर पर न दिखे।

विशेषज्ञों ने कहा-सभी लोग करें बचाव के उपाय

अध्ययनकर्ताओं ने कहा, प्रोस्टेट कैंसर को लेकर जो जोखिम देखा जा रहा है वह बड़ा चिंताकारक है। इसको लेकर सभी पुरुषों को विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है। प्रोस्टेट कैंसर की रोकथाम के लिए कोई विशिष्ट तरीका तो नहीं है लेकिन आप व्यायाम और स्वस्थ आहार जैसे विकल्पों को चुनकर इसके खतरे को कम कर सकते हैं।

कुछ अध्ययनों में, नियमित रूप से हाई फैट वाले खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से पशुओं पर आधारित वसा के सेवन को प्रोस्टेट कैंसर के लिए बड़ा जोखिम कारक माना जाता रहा है। आहार में फैट वाली चीजों की मात्रा कम रखने की सलाह दी जाती है। नियमित व्यायाम को भी प्रोस्टेट कैंसर के लिए जोखिमों को कम करने वाला पाया गया है।

अस्वीकार : न्यू भारत की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को न्यू भारत के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। न्यू भारत लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

और पढ़े   मोहन भागवत- अंधविश्वास होता है, लेकिन आस्था कभी अंधी नहीं होती', संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बताई अंग्रेजों की साजिश
Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

https://whatsapp.com/channel/0029Va8pLgd65yDB7jHIAV34 Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now