

शाहजहांपुर में पति के निधन के बाद पुष्पा देवी के सामने परिवार का पालन-पोषण करने के साथ ही कर्ज निपटाने की चुनौती खड़ी हो गई। पुष्पा ने घर की दहलीज लांघकर खेती-किसानी को हथियार बनाया। साथ ही वॉशिंग पाउडर बनाकर और बाजार में बेचकर आत्मनिर्भर बन गईं। वह परिवार को संभालने के साथ ही कर्ज निपटाकर दूसरों के लिए मिसाल बन गईं हैं।
रोजा के गांव छीतेपुर निवासी पुष्पा देवी के पति धनीराम मेहनत-मजदूरी करते थे। उन्होंने भूमि विकास बैंक व बरतारा स्थित बैंक शाखा से कर्ज ले रखा था। यह बात परिवार के संज्ञान में नहीं थी। धनीराम का बीमारी के चलते निधन हो गया तो पुष्पा के सामने बड़ी बेटी पूजा, मोहित, लक्ष्मी और विपिन की परवरिश का संकट खड़ा हो गया।