हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाने वाली अक्षय तृतीया इस वर्ष 30 अप्रैल को पड़ेगी। यह तिथि अपने आप में अबूझ मानी जाती है, यानी कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है। शास्त्रों के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन किए गए पुण्य कर्मों का फल कभी क्षीण नहीं होता, इसीलिए इस दिन की विशेष मान्यता है। आइए इसी क्रम में जानते हैं कब से शुरू हुई अक्षय तृतीया की शुरुआत और यह क्यों मानी जाती है इतनी फलदायी।
कब से कब तक है तृतीया तिथि?
पंचांग के मुताबिक, अक्षय तृतीया की तिथि 29 अप्रैल की शाम 5:32 बजे से आरंभ होकर 30 अप्रैल दोपहर 2:13 बजे तक रहेगी। लेकिन उदया तिथि को प्रधानता दी जाती है, अतः 30 अप्रैल को पूरे दिन अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन लोग विवाह, गृह प्रवेश, वाहन या संपत्ति खरीदने, व्यापार आरंभ करने जैसे कार्यों को शुभ मानते हैं।
किस युग से हुई इस दिन की शुरुआत?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन सतयुग, त्रेतायुग और द्वापरयुग की शुरुआत हुई थी। ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने परशुराम के रूप में अवतार लिया था और मां गंगा का धरती पर अवतरण भी इसी तिथि को हुआ था। यही नहीं, चारधाम यात्रा की शुरुआत भी अक्षय तृतीया से होती है, जिससे इस तिथि का महत्व और बढ़ जाता है।
क्यों सोना खरीदना होता है शुभ?
इस दिन सोना-चांदी खरीदने की परंपरा भी वर्षों से चली आ रही है। मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई चीजें घर में सुख-समृद्धि लेकर आती हैं और धन में वृद्धि होती है। इसलिए बाजारों में खास चहल-पहल देखी जाती है।
धार्मिक महत्व
ज्योतिषियों के अनुसार, अक्षय तृतीया पर किए गए कार्यों का फल स्थायी होता है। ऐसे में जिन लोगों ने लंबे समय से कोई शुभ कार्य टाल रखा है, वे इस दिन का लाभ उठा सकते हैं। धार्मिक दृष्टिकोण से भी यह तिथि अत्यंत पुण्यदायी मानी गई है।
अक्षय तृतीया क्यों कहलाता है अबूझ मुहूर्त?
अक्षय तृतीया एक अबूझ मुहूर्त है, जो हर साल वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाते हैं। 30 अप्रैल को यदि आप कोई नया काम आरंभ करने का विचार कर रहे हैं, तो यह दिन विशेष रूप से अनुकूल रहेगा। शुभता और सफलता के लिए यह दिन एक सुनहरा अवसर है।
अस्वीकरण: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए “न्यू भारत” उत्तरदायी नहीं है।