गणतंत्र दिवस- 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का संबोधन,’संविधान हमारी सामूहिक अस्मिता का आधार’

Spread the love

 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा, ‘मेरे प्यारे देशवासियों, नमस्कार! गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मैं आप सबको हार्दिक बधाई देती हूं। विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में शामिल भारत को ज्ञान और विवेक का उद्गम माना जाता था लेकिन भारत को एक अंधकारमय दौर से गुजरना पड़ा… आज के दिन सबसे पहले हम उन सूर वीरों को याद करते हैं जिन्होंने मातृभूमि को विदेशी शासन की बेड़ियों से मुक्त करने के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी दी… इस वर्ष हम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहे हैं। वे ऐसे अग्रणी स्वाधीनता सेनानियों में शामिल हैं, जिनकी भूमिका को राष्ट्रीय इतिहास के संदर्भ में अब समुचित महत्व दिया जा रहा है।

 

‘जीवन मूल्य को सदा से ही हमारी सभ्यता और संस्कृति का अंग’
राष्ट्रपति मुर्मू ने आगे कहा, न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता केवल सैद्धांतिक अवधारणाएं नहीं हैं जिनका परिचय हमें आधुनिक युग में प्राप्त हुआ हो। ये जीवन मूल्य को सदा से ही हमारी सभ्यता और संस्कृति का अंग रहे हैं। भारत के गणतांत्रिक मूल्यों का प्रतिबिंब हमारी संविधान सभा की संरचना में दिखाई देता है।

 

‘सरकार ने जन-कल्याण को नई परिभाषा दी’
राष्ट्रपति मुर्मू ने आगे कहा, सरकार ने जन-कल्याण को नई परिभाषा दी है जिसके अनुसार आवास और पेयजल जैसी बुनियादी जरूरतों को अधिकार माना गया है। प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना द्वारा रोजगार और आमदनी के अवसर उत्पन्न करके अनुसूचित जातियों के लोगों की गरीबी को तेजी से कम किया जा रहा है। सरकार ने वित्त के क्षेत्र में जिस तरह से प्रौद्योगिकी का उपयोग किया है, वह एक मिसाल है। भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू करने का निर्णय सर्वाधिक उल्लेखनीय है।

और पढ़े  कृत्रिम बारिश की तैयारी: प्रदूषण कम करने के लिए कितनी कारगर होगी ये तकनीक, पहले कहां-कहां हुआ प्रयोग?

 

 


Spread the love
  • Related Posts

    रेबीज का खतरा: रेबीज होने के बाद कैसे रहें सुरक्षित?

    Spread the love

    Spread the love     भारत में रेबीज की रोकथाम को लेकर तमाम प्रयास किए गए हैं, बावजूद इसके अभी भी यहां प्रतिवर्ष अनुमानित 5,700 लोगों की मौतें हो जाती…


    Spread the love

    आस्था पूनिया: आस्था बनी भारतीय नौसेना में पहली महिला फाइटर पायलट, रक्षा क्षेत्र में बड़ा कदम

    Spread the love

    Spread the love भारतीय नौसेना ने इतिहास रच दिया है। सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया को आधिकारिक रूप से नौसेना के फाइटर स्ट्रीम में शामिल कर लिया गया है। वे इस…


    Spread the love

    error: Content is protected !!