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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की पुजारी प्रशिक्षण योजना में प्रशिक्षित दस पुजारियों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो गई है। हालांकि पुजारियों ने राममंदिर में अभी ड्यूटी करना शुरू नहीं किया है। अभी तीन-चार दिनों तक उन्हें फिर से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके बाद उन्हें राममंदिर में पुराने अर्चकों के साथ पूजा-अर्चना के लिए लगाया जाएगा।
नए पुजारियों की बैठक सोमवार को रामकोट स्थित ट्रस्ट के भवन में हुई। बैठक में महंत मिथिलेश नंदिनी शरण, महंत डॉ़ रामानंद दास, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र ने सभी दस पुजारियों को मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए बनाई गई नियमावली की जानकारी दी।
बता दें कि राम मंदिर में दस प्रशिक्षित पुजारियों की नियुक्ति दो वर्ष के परिवीक्षा काल के लिए कर दी गई है। इन सभी पुजारियों को नियुक्ति पत्र के बजाय एक समझौता पत्र दिया गया है। पुजारियों को सशर्त नियुक्त किए जाने पर विशेष बल दिया गया है।
बताया गया कि चूंकि पुजारियों को चार माह पहले प्रशिक्षण दिया गया था। इसलिए ड्यूटी पर भेजने से पहले एक रिफ्रेशर कोर्स तीन-चार दिनों का कराया जा रहा है। पुजारियों को जो सिखाया गया है, उनमें से उन्हें कितना याद है, यह जानने का प्रयास है। इसके बाद सभी पुजारियों का उपनयन संस्कार होगा, फिर उन्हें राममंदिर में ड्यूटी दी जाएगी। माना जा रहा है कि खरमास लगने से पहले सभी पुजारियों को राममंदिर में प्रवेश दे दिया जाएगा।
नई नियमावली के तहत ड्यूटी करेंगे पुजारी
नए पुजारियों के मंदिर में ड्यूटी पर आने के बाद से कई नए नियम लागू होने की संभावना है। एंड्राएड मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक रहेगी। पुजारियों को ट्रस्ट की ओर से हैंडसेट प्रदान किया जा चुका है। गर्भगृह में बात करने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही पुजारियों के लिए ड्रेस कोड भी लागू किया जाएगा। नई नियमावली के तहत सभी पुजारियों को रोटेशन के तहत राममंदिर समेत परिसर के सभी मंदिरों में पूजा-अर्चना करना होगा। जिस पुजारी की ड्यूटी गर्भगृह में होगी वह निर्धारित समय तक बाहर नहीं निकल सकेगा। बाहर ड्यूटी करने वाले पुजारी अंदर नहीं जा सकेंगे। रोटेशन के अनुसार अलग-अलग मंदिरों में पुजारियों को लगाया जाएगा।