हल्द्वानी- मैं हल्द्वानी रेलवे स्टेशन में अपनी बदहाली पर शर्मिंदा हूं, इस वजह से रेल यात्री होते है परेशान
कुमाऊं का प्रवेश द्वार कहे जाने वाला हल्द्वानी शहर का रेलवे स्टेशन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। ट्रेन से उतरने से लेकर गेट तक आने तक यात्रियों के स्वागत करते हुए कई बोर्ड लगे हैं, पर सभी बोर्ड जर्जर हालत में या आधे गिर चुके हैं। अब, हल्द्वानी आने पर आपको रेलवे से कोई उम्मीद नहीं होनी चाहिए, आप स्वयं अपना स्वागत कीजिए…
हल्द्वानी रेलवे स्टेशन इज्जतनगर मंडल में आता है। नैनीताल, कैंचीधाम, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, मुनस्यारी आदि पर्यटक स्थलों पर जाने के लिए यहां पहुंचने के बाद सैलानी अपनी पहाड़ की यात्रा शुरू करते हैं। अनदेखी के चलते स्टेशन का प्रवेश द्वार अपनी पहचान भूल चुका है। स्टेशन परिसर में प्रवेश के लिए बजरी भरे रास्ते से जाना पड़ता है। प्लेटफार्म पर कुत्तों और बकरियों का कब्जा रहता है। इज्जतनगर मंडल के पीआरओ राजेंद्र सिंह का कहना है कि यहां अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत विकास हो रहा है। जल्द स्टेशन पर सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
10 जगह टोंटी, 2 वाटरकूलर, पानी सिर्फ एक में
रेलवे स्टेशन में पीने के पानी की 10 जगह टोंटियां लगीं हैं। इसमें से पानी केवल एक स्थान पर आता है। वहीं प्लेटफार्म नंबर 2 पर दो वाटर कूलर लगे हैं। दोनों में पूरे दिन पानी नहीं आता है। इस वजह से लोगों को मजबूरन बोतलबंद पानी खरीदना पड़ता है।
बजरी में आम पार्किंग, टाइल्स पर खड़ी होती है जिम्मेदारों की बाइक
रेलवे स्टेशन के बाहर पूरी मार्ग उखड़ा हुआ है। यहां आने वाले आम लोगों को पार्किंग होती है। वहीं प्लेटफार्म पर जाते समय वेटिंग रूम के बगल में खास लोगों की पार्किंग होती है। यह टाइल्स से बना सुसज्जित स्थान है।
अपनी सुरक्षा स्वयं करें, आरपीएफ चौकी का गेट बंद है
रेलवे स्टेशन पर बनी रेलवे सुरक्षा बल की चौकी दिनभर बंद रहती है। अगर कोई घटना हो जाए तो यात्रियों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। लोग खुद अपनी सतर्कता से यात्राएं कर रहे हैं।
खुद बीमार प्राथमिक चिकित्सा कक्ष
स्टेशन पर प्राथमिक चिकित्सा का कमरा बना है। इसके बाहर नि:शुल्क व्हील चेयर, प्राथमिक चिकित्सा के लिए सहायता उपलब्धता लिखा है। परंतु उस कमरे में ताला लगा है। दरवाजे का एक हिस्सा तोड़कर किसी ने होल कर दिया है।