लालकुआँ: कुट्टू के आटे से बनी पुड़ी खाने से परिजनों की हालत बिगड़ी, फूड पाॅयजन की आशंका
यहां नगर के एक किराना स्टोर से व्रत में इस्तेमाल करने के लिए खरीदे गए कुट्टू के पैकेट बंद आटे से बनी पुड़ी खाने से घर वालों की हालत बिगड़ी गई। बाद में आटे की जांच करने पर आटे में अजीब सी दुर्गध आ रही है। जिसकी दुकानदार से शिकायत करने पर वह उपभोक्ता से ही उल्टा उलझ पड़ा। जिसके बाद उपभोक्ता ने दुकानदार के खिलाफ पुलिस में तहरीर देकर कार्यवाही की मांग की है।
मिली जानकारी के अनुसार मुख्य बाजार में स्थित एक किराना स्टोर से वरिष्ठ पत्रकार विनोद कुमार के सुपुत्र सक्षम अग्रवाल ने दिनांक 7/3/24 को महाशिवरात्रि पर रखे व्रत को लेकर कुट्टू के आटे के दो बंद पैकेट खरीदे थे।
इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्रवाल ने कोतवाली पुलिस को सौंपी लिखित शिकायत में बताया है कि उक्त दुकान से खरीदे गए आटे से बनाई गई पुड़ी खाने के बाद परिजनों का जी मचलाने और उल्टी जैसा होने लगा। जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत दुकानदार से की तो दुकानदार उल्टा उनसे उलझ पड़ा।
जिसके बाद वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्रवाल ने पुलिस को दी तहरीर में कहा है कि इस मामले की जांच कर संबंधित के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए ताकि लोगों को फूड पाॅयजन से बचाया जा सके।
इधर खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी कैलाश चंद्र टम्टा का कहना है कि सोमवार को वह खुद लालकुआं आकर पूरे मामले की जांच करेंगे और जिसके बाद अग्रिम कार्रवाई की जायेगी।
बताते चलें कि लालकुआँ नगर सहित इसके आसपास के इलाकों में घड़ल्ले से जगह-जगह दुकानदारों पर निर्मित खाद्य सामग्री बिना एक्सपायरी डेट के पैकिंग कर बेची जा रही है। साथ ही बाहरी राज्यों से लाकर मसाले तथा बेकरियों का सामान बेचा जा रहा है। ऐसा नहीं है कि खाद्य सुरक्षा विभाग इससे अनजान है लेकिन वह कार्यवाही करने से बचता दिखाई दे रहा है। जबकि बड़े पैमाने पर इन खाद्य सामग्रियों का ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में किराना दुकानों पर बिना पैकिंग के खुला एवं एक्सपायरी डेट का सामान बेचा जा रहा है। वहीं कई बार देखा गया है दुकानों पर बिकने वाले अधिकतर सामन में एक्सपायरी डेट अंकित ही नहीं होती है। साथ कई सामानों में मैन्युफैक्चरिंग सहित एफएसआई से लिया हुआ रजिस्ट्रेशन नबर भी नहीं लिखा हुआ होता है। जिसके चलते लोगों के स्वास्थ्य के साथ बड़ा खिलबाड़ हो रहा है। ऐसे में सम्बंधित विभाग द्वारा समय-समय पर कार्रवाई ना होना लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। जबकि सम्बंधित विभाग सिर्फ त्यौहारों के अवसर पर क्षेत्र में आकर एक, दो दुकानों पर कार्रवाई कर मात्र औपचारिकता निभाने में लगा हुआ है।