थराली : महामृत्युंजय महादेव मंदिर में होगा “पांच पुराणों”का महायज्ञ।

Spread the love

थराली से शिवभक्तों के लिए बड़ी खुशी की खबर है। पिंडर घाटी के असेड-सिमली में स्थित सुप्रसिद्ध महामृत्युंजय महादेव मंदिर देवघूरा में पंच पुराणों के भागवत कथाओं के आयोजन के निर्णय से क्षेत्र में एक बार फिर से अध्यात्मिक खुशी की लहर दौड़ पड़ी है।

सोमवार को ऊं श्री महामृत्युंजय महादेव मंदिर समिति के पदाधिकारियों,मंदिर के रावलों व आचार्यों सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने देवधूरा पर्वत शिखर पर विराजमान महामृत्युंजय महादेव मंदिर के प्रांगण में बैठक आयोजित कर इसबार पंच पुराणों की कथाएं आयोजित करने का निर्णय लिया है।

इस दौरान बैठक में मंदिर समिति की जो 33 गांवों की उप ग्राम समितियां हैं उन गांवों में मंदिर समिति के पदाधिकारी भ्रमण कर उप ग्राम समितियों को सक्रिय करने के लिए पुनर्गठन का तेजी से कार्य पूरा करेंगे।बैठक में तय किया गया है कि 29 मई 15 गते ज्येष्ठ चतुर्दशी की तिथि से रामलीला मैदान परखाल में दस दिवसीय पंच पुराणों की भागवत कथाएं नियमित रूप से संचालित होंगे जो 08 जून 25 गते बुधवार अष्टमी को विधि-विधान से संपन्न होंगे।

मंदिर समिति के अध्यक्ष बृजमोहन बुटोला ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी कि इस बार पंच पुराणों में श्रीमद्भागवत पुराण,देवी भागवत,शिव पुराण, हरवंश पुराण व लिंग पुराण इन पांच पुराणों का महा आयोजन किया जाएगा बताया कि मंदिर समिति के निर्णयानुसार कथा वाचकों श्रीमद्भागवत पुराण के लिए सुरेन्द्र प्रसाद पाण्डे,देवी भागवत के लिए शिव प्रसाद सती,शिव पुराण के लिए मोहनप्रसाद सती, हरवंश पुराण के लिए घनानंद पुरोहित व लिंग पुराण के लिए भगवती प्रसाद सती को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।यह सभी कथा वाचक व्यास स्थानीय होंगे।

और पढ़े  त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव- देहरादून: पंचायतों में आरक्षण पर 3 हजार से भी अधिक आपत्तियां, जिलाधिकारी आज से करेंगे निपटारा

बताते चलें कि महामृत्युंजय महादेव में देश-विदेश के लोगों की बहुत आस्था है और मान्यता है कि यहां निश्चित रूप से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। महाशिवरात्रि पर निसंतान दंपतियों की मनोतियां भी पूरी होती है।पिछले लगभग सात वर्षों से यहां असेड सिमली के देवधूरा पर्वत शिखर पर विराजमान महामृत्युंजय महादेव मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य भव्य रूप से चल रहा है, निर्माण कार्य में धन अर्जित करने के लिए समय-समय पर मंदिर समिति व मंदिर के 33 गांवों की उप ग्राम समीतियों के द्वारा विभिन्न धार्मिक व अध्यात्मिक आयोजन किए जाते रहे हैं।

मंदिर का अभी कुछ दिनों पहले गुंबद बनने के बाद क्लश प्रतिष्ठापित किया जा चुका है।यह भी बता दें कि मंदिर के पुनर्निर्माण में राजस्थान का ललितपुर ग्रे पत्थरों को नक्काशी कर लगाया जाना है।नीचे परखाल बाजार से देवीधूरा पर्वत तक मंदिर निर्माण की सामाग्रियों को पहुंचाने के लिए करीब पंद्रह लाख रुपए की लागत की इंजन चालित ट्राली की स्थापना की गई है। महामृत्युंजय मंदिर परिसरों,रास्तों व 999 खड़ी सीढ़ियों के पुनर्निर्माणों में देश-विदेश से शिव भक्तों के सहयोग से अभी तक लाखों रुपए दान स्वरूप दिए गए हैं।

मंदिर समिति के अनुसार अभी भी मंदिर के पुनर्निर्माण कार्य को संपन्न कराने में करीब 45-50 लाख रुपयों की और आवश्यकता होगी। मंदिर समिति के सचिव जयपाल सिंह बुटोला ने सभी शिव भक्तों और देश विदेश में प्रवासियों से पंच पुराणों के महायज्ञ में बढ़-चढ़ कर भागीदारी करने और पुण्य लाभ लेते हुए मंदिर पुनर्निर्माण कार्य में अपना बहुमूल्य योगदान देने का आह्वान किया है।


Spread the love
  • Related Posts

    मानसून सीजन: बदरीनाथ,केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए हेली सेवाओं की उड़ान पर लगी रोक

    Spread the love

    Spread the love   मानसून की दस्तक ने चारधाम यात्रा में केदारनाथ धाम, बदरीनाथ व हेमकुंड साहिब के लिए हेली सेवाओं की उड़ान रोक दी है। 22 जून के बाद…


    Spread the love

    उत्तराखंड: बिग न्यूज़- जारी हुई त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना, 25 जून से नामांकन प्रक्रिया, आज से अभी से आचार संहिता लागू

    Spread the love

    Spread the love     उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रेसवार्ता की। आयोग की ओर से आगामी चुनावों की विस्तृत जानकारी साझा की गई। आयोग ने…


    Spread the love

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    error: Content is protected !!