उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड के साथ घना कोहरा लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। सड़कों पर दृश्यता कम होने से वाहन चालकों को परेशानी हो रही है, वहीं रेल सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। घने कोहरे के कारण वंदे भारत, शताब्दी और राजधानी सहित कई ट्रेनें तय समय से देर से चल रही हैं, जिससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच यात्रियों की परेशानी कम करने के लिए रेलवे की ओर से कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं।
ट्रेनों की स्थिति पर रियल-टाइम नजर रखने के निर्देश
कोहरे की वजह से लेट रही ट्रेनों को लेकर उत्तर रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि वे ट्रेनों की स्थिति पर रियल-टाइम नजर रखें और यात्रियों से जुड़ी दिक्कतों, खासकर खानपान से संबंधित समस्याओं का तुरंत समाधान करें। इसके अलावा दिल्ली, लखनऊ, मुरादाबाद, वाराणसी और प्रयागराज मंडल के मंडल रेल प्रबंधकों को भी ट्रेनों की लगातार निगरानी करने और जरूरी व्यवस्थाएं पुख्ता करने के आदेश दिए गए हैं।
प्रीमियम ट्रेनों पर भी कोहरे का असर
घने कोहरे के चलते वंदे भारत एक्सप्रेस और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनें तय समय पर नहीं चल पा रही हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए रेलवे ने इन ट्रेनों के लिए अतिरिक्त (स्पेयर) रेक तैयार करने का फैसला लिया है, ताकि कम से कम सेवाओं की शुरुआत समय पर सुनिश्चित की जा सके।
20 कोच वाली वंदे भारत रेक का इस्तेमाल
प्रीमियम ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस और शताब्दी ट्रेनों के लिए अतिरिक्त रेक की व्यवस्था की है। रेलवे के मुताबिक 20 कोच वाली वंदे भारत रेक का इस्तेमाल नई दिल्ली से वाराणसी ट्रेन को समय से रवाना करने में किया जा रहा है। इसके अलावा, उत्तर रेलवे के पास रखरखाव के लिए रखी गई एक और 20 कोच की रेक को भी वाराणसी से नई दिल्ली वंदे भारत ट्रेन के सुचारु और समय पर संचालन में लगाया गया है।
अतिरिक्त रेक की व्यवस्था से लेट-लतीफी को मात देने का प्रयास
उत्तर रेलवे के पास उपलब्ध एक अतिरिक्त 20 कोच की वंदे भारत रेक को भी ट्रेनों के समय पर संचालन में लगाया जा रहा है। इसके साथ ही यात्रियों की सुविधा बनाए रखने के लिए पश्चिम मध्य रेलवे से भी 20 कोच की एक वंदे भारत रेक नॉर्दर्न रेलवे को भेजी जा रही है, ताकि कोहरे के बावजूद सेवाएं प्रभावित न हों। वहीं, पूर्व मध्य रेलवे और दक्षिण रेलवे में उपलब्ध कोचों की मदद से दो एसी रेक भी तैयार किए जा रहे हैं। रेलवे का कहना है कि इन अतिरिक्त रेक की व्यवस्था से लेट हो रही ट्रेनों को समय पर रवाना करने में मदद मिलेगी और यात्रियों को होने वाली परेशानी कम की जा सकेगी।
यात्रियों के भोजन का भी ध्यान: कैटरिंग की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी को
इन स्पेयर रेक में यात्रियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इन रेक में कैटरिंग की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी को दी गई है, ताकि यात्रियों को समय पर भोजन और अन्य सेवाएं मिल सकें। इसके साथ ही स्पेयर रेक के लिए ओबीएचएस (ऑन बोर्ड हाउसकीपिंग सर्विस) और लिनन की भी समुचित व्यवस्था की जाएगी, जिससे सफाई और सुविधाओं में कोई कमी न रहे।
आईआरसीटीसी में एक विशेष वॉर रूम भी सक्रिय…
इन सभी के अलावा यात्रियों को बेहतर सेवा देने के लिए आईआरसीटीसी में एक विशेष वॉर रूम भी सक्रिय किया जा रहा है। इस वॉर रूम से ट्रेनों की लगातार निगरानी की जाएगी और खानपान से जुड़ी किसी भी समस्या का तुरंत समाधान सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि यात्रियों को यात्रा के दौरान किसी तरह की परेशानी न हो। क्योंकि यात्री ट्रेनों के लेट होने से परेशान है, वहीं केटरिंग सेवा में भी लापरवाही से भी लोग परेशान है।









