संसद के शीतकालीन सत्र में आज लोकसभा में मनरेगा का नाम बदलने वाले विधेयक पर हंगामे के आसार हैं। मंगलवार को शिवराज सिंह चौहान ने जब ये विधेयक पेश किया तो इस पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कड़ा ऐतराज किया था। राज्यसभा में भी कई अहम विधायी कार्य सूचीबद्ध हैं।
सिविल न्यूक्लियर कानून पर बोलीं एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सले
एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सले ने भी बिल को लेकर सवाल पूछे। साथ ही उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद गणपत ने सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया और भोपाल गैस त्रासदी की याद दिलाई। उन्होंने न्यूक्लियर वेस्ट के निपटान को लेकर चिंता जताई।
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सिविल न्यूक्लियर कानून पर चर्चा की उठाई मांग
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सबसे पहले इस विधेयक पर चर्चा में भाग लिया। चंडीगढ़ से निर्वाचित कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस विधेयक का विरोध किया। उन्होंने सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किए और कहा कि पुराने नियमों और कानूनों को निरस्त किए जाने का यह प्रस्ताव हैरान करने वाला है। इसके बाद उत्तर प्रदेश से निर्वाचित भाजपा सांसद शशांक मणि ने इस विधेयक का पुरजोर समर्थन किया।
भाजपा सांसद के समर्थन के बाद पश्चिम बंगाल से निर्वाचित तृणमूल सांसद सौगत राय ने भी इस विधेयक का विरोध किया। उनके बाद तमिलनाडु से निर्वाचित डीएमके सांसद अरुण नेहरू ने भी इस विधेयक के खिलाफ वक्तव्य दिया।
MGNREGA विवाद पर कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने केंद्र सरकार पर किया हमला
कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने MGNREGA योजना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि हमने देश के सबसे गरीब लोगों का समर्थन किया, लेकिन सरकार इसे खत्म कर रही है। रेनुका चौधरी ने कहा कि अब सरकार राज्य सरकारों पर यह जिम्मेदारी डाल रही है, जबकि सेंकड़ों हजार करोड़ रुपये का खर्च वही उठाएगी। उन्होंने सवाल किया कि नाम बदलकर सरकार क्या साबित करना चाहती है। सांसद ने आगे कहा कि सरकार को शर्म आनी चाहिए, क्योंकि वह गरीबों की रोज़गार की योजनाओं का सही इस्तेमाल नहीं कर रही।








