हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने का मामला लगभग दो दशक से चला आ रहा है। रेलवे के अनुसार हल्द्वानी में 29 एकड़ रेलवे भूमि पर अवैध कब्जा है और करीब 4365 अतिक्रमणकारी इसमें शामिल हैं। आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
बनभूलपुरा अतिक्रमण विवाद पर पुलिस सख्त
हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे भूमि अतिक्रमण के मुद्दे पर कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के बीच पुलिस ने सख्ती बरतते हुए 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। एसएसपी नैनीताल ने मौके पर जाकर सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। पुलिस ने सोशल मीडिया पर भ्रामक सामग्री फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
कब क्या हुआ
याचिकाकर्ता रविशंकर जोशी बताते हैं कि बनभूलपुरा और गफूरबस्ती क्षेत्र में रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर वर्ष 2007 में भी हाईकोर्ट ने आदेश पारित किए थे। तब प्रशासन ने 2400 वर्गमीटर भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया था। 2013 में उन्होंने गौला नदी में हो रहे अवैध खनन और गौला पुल के क्षतिग्रस्त होने के मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान रेलवे भूमि के अतिक्रमण का मामला फिर से सामने आ गया। 9 नवंबर 2016 को कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए रेलवे को दस सप्ताह के भीतर समस्त अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। इसके बाद अतिक्रमणकारियों और प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में एक शपथ पत्र देकर उक्त जमीन को प्रदेश सरकार की नजूल भूमि बताया लेकिन 10 जनवरी 2017 को कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
जोशी बताते हैं कि इसके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में कई विशेष याचिकाएं दाखिल हुई। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अतिक्रमणकारियों और प्रदेश सरकार को निर्देश दिए कि वह अपने व्यक्तिगत प्रार्थना पत्र 13 फरवरी 2017 तक हाईकोर्ट में दाखिल करें और इनका परीक्षण हाईकोर्ट करेगा। इसके लिए तीन माह का समय दिया गया। छह मार्च 2017 को कोर्ट ने रेलवे को अप्राधिकृत अधिभोगियों की बेदखली अधिनियम 1971 के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए लेकिन तब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर याचिकाकर्ता जोशी ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की। रेलवे और जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा लेकिन कब्जा तब भी नहीं हटा।
जोशी ने 21 मार्च 2022 को हाईकोर्ट में एक और जनहित याचिका दायर कर कर कहा कि रेलवे अपनी भूमि से अतिक्रमण हटाने में नाकाम साबित हुआ है। 18 मई 2022 को कोर्ट ने सभी प्रभावित व्यक्तियों को अपने तथ्य न्यायालय में रखने के निर्देश दिए लेकिन अतिक्रमणकारी उक्त भूमि पर अपना अधिकार साबित करने में विफल रहे। 20 दिसंबर 2022 को कोर्ट ने फिर से रेलवे को अतिक्रमणकारियों को हफ्ते भर का नोटिस जारी करते हुए अतिक्रमण हटाने संबंधी निर्देश दिए। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया जहां आज इस पर सुनवाई होनी है।
आदेश का पालन कराएंगे: डीएम
6 इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय का जो भी आदेश होगा, उसका विधिक रूप से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों को इस प्रकरण पर जरूरी दिशा-निर्देश पहले ही जारी कर दिए गए हैं। अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। सभी से अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा गया है। मामले में भ्रामक सूचनाएं देने वालों अथवा अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। कानून व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने के लिए पुलिस भी मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी पर है। लोगों से अपील है कि शांति और सद्भाव बनाएं रखें। ललित मोहन रयाल, डीएम नैनीताल
सात ड्रोन करेंगे निगरानी, 12 सीसीटीवी से रहेगी नजर
बवाल की आशंका को देखते हुए पुलिस ने न केवल सतर्कता बरती है बल्कि हर तरह से निगरानी की तैयारी की है। सात ड्रोनों के जरिये बनभूलपुरा के संवेदनशील इलाकों पर पुलिस नजर रखेगी। 12 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के जरिये कंट्रोल रूम से निगरानी रखी जाएगी। यहां किसी भी कैमरे में संदिग्ध गतिविधि दिखने पर नजदीकी पुलिस टीम को सतर्क किया जाएगा।
कानून व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता : एसएसपी
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का पालन कराना और कानून व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता है। पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील रहेगा। अत्याधुनिक असलहों के साथ पैरामिलिट्री तथा रेलवे पुलिस फोर्स भी तैनात रहेगी। सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. मंजूनाथ टीसी, एसएसपी, नैनीताल









